कई बार हमें अपने प्रधानमंत्री का एक अलग ही रूप देखने को मिलता है। कई बार अपने अंदाज में नजर आते हैं। सोमवार को संसद में पीएम नरेंद्र मोदी अपने एक अलग अंदाज में नजर आए। उन्होंने अपने विपक्षी दलों और कांग्रेस का बहुत ही अच्छे तरीके से कटाक्ष किया। उन्होंने कहा आज भी बहुत से लोगों की सुई 2014 परी अटकी है। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के रवैया से ऐसे लगता है कि वह अगले 100 साल तक सत्ता में नहीं आना चाहती। आपने ही जब ऐसी तैयारी कर ली है तो, हमने भी कर रखी है। कांग्रेस पर कटाक्ष वार करते हुए पीएम मोदी ने कहा 1994 में आप गोवा में पूरी बहुमत से जीते थे, 28 साल हो गए आपको गोवा नहीं स्वीकार नहीं किया।
पीएम मोदी ने कटाक्ष करते हुए आगे कहा कि इसी तरह बीते 3 दशकों में आप त्रिपुरा में नहीं जीते हैं। बंगाल में 1972 में आप जीते थे। यूपी और बिहार में 1989 के बाद लोगों ने आपको पसंद नहीं किया है। तमिलनाडु के लोगों ने 1962 में यानी आपको 60 साल पहले मौका दिया था।
तेलंगाना के गठन का आप श्रेय लेते हैं, लेकिन वहां की जनता ने आपको कभी भी स्वीकार नहीं किया। झारखंड को बने 20 साल हो चुके हैं, लेकिन आप वहां चोर दरवाजे से ही सत्ता में रहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन पर विपक्षी दलों पर महामारी, गरीबी और महंगाई जैसे मुद्दों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार पर महामारी के दौरान भय की स्थिति होने के बाद भी लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह बिमारी एक वैश्विक महामारी थी। लेकिन उसे भी दलगत राजनीति के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। क्या इससे मानवता कहते हैं ?
उन्होंने आगे कहा कि बात सिर्फ चुनाव की नहीं बल्कि नेक नियति की भी है। जहां भी लोगों ने सही राह पकड़ी वहां आप लौट कर नहीं आ पाए। हम एक चुनाव हार जाए तो महीनों चिंतन चलता है। लेकिन आप इतने चुनाव हारे फिर भी आप का अहंकार आ जाता है। शायराना अंदाज में पीएम ने कहा , ‘वे दिन को रात कहो तो तुरंत मान जो, नहीं मानोगे तो वे दिन में नकाब ओढ़ लेंगे। जरूर हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे। वो मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहां, उन्हें आईना मत दिखाओ, वे आईने को भी तोड़ देंगे।’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पूरा देश इस समय 100 साल का सबसे बड़ा संकट झेल रहा है। लोगों के अतीत पर आधार है कि भारत का आकलन किया, उन्हें लगता था कि भारत या लड़ाई लड़ पाएगा। क्या भारत खुद को बचा पाएगा ? लेकिन आज स्थिति क्या है। मेड इन इंडिया महामारी के टीके दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावी देखे गए हैं।
आज भारत शत प्रतिशत पहली दोस्त के निकट पहुंच रहा है। लगभग 80 परसेंट लोगों ने सेकंड डोज को भी लगवा लिया है। इस वैश्विक महामारी में लोग सावधानी बरत रहे हैं, लेकिन दूसरे दल राजनीति के लिए उपयोग में इसे ला रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कुछ लोगों को लगता था कि महामारी की वजह से मोदी की छवि बिगड़ जाएगी। महात्मा गांधी की स्वदेशी की बात थी। मोदी लोकल फॉर वोकल की बात करता है, तो आप उससे क्यों लगाते हो महात्मा गांधी ने स्वदेशी होने का निर्णय आगे बढ़ाया।
आप महात्मा गांधी के सपनों को सच होते नहीं देखना चाहते। आज पूरी दुनिया महामारी की चपेट में है, लेकिन आपने उसका भी मजाक बनाया। उसका भी विरोध किया। यदि आप लोगों को योग के लिए प्रेरित करते हैं, तो उसमें क्या नुकसान होता है।
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