मुकेश अंबानी भारत के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उन्हें आज के समय में पूरी दुनिया जानती है। वह अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। अभी इस बुधवार को मुकेश अंबानी ने एशिया इकोनॉमिक्स डायलॉग 2022 को संबोधित करते हुए कही मुद्दों पर अपने विचारों को रखा है। इसके साथ-साथ उन्होंने ग्रीन एनर्जी से लेकर भारतीय अर्थव्यवस्था तक हर बारे में बातचीत भी की है और इसी दौरान उन्होंने पुणे इंटरनेशनल सेंटर के 2 गुरुओं के बारे में भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि उनके मार्गदर्शन में यह संस्थान प्रतिष्ठा की नई ऊंचाइयों को छुए गा।
आपको बता दें मुकेश अंबानी ने जिन दो गुरु के बारे में जिक्र किया है उनका नाम डॉट रघुनाथ मशेलकर और डॉक्टर विजय केलकर है। उनका कहना है कि इन दोनों ने जिस विजन और एक्शन के साथ नेतृत्व किया है, उसके लिए वह दोनों का बहुत ही सम्मान करते हैं और प्रशंसा भी करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं यह दोनों शख्स कौन है ? जिनकी भारत के अमीर व्यक्ति ने तारीफ की है।
रघुनाथ मशेलकर का जन्म 1 जनवरी 1943 को गोवा के माशल गांव में हुआ था। इन्हें रमेश माशेलकर के नाम से भी जाना जाता है। बड़े होकर इन्होंने एक बड़े केमिकल इंजीनियर के रूप में पहचान बनाई। वह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक रह चुके हैं।
उन्होंने 2004-2006 के दौरान राष्ट्रीय भारतीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इन संस्थानों के अलावा, डॉ. माशेलकर इंस्टीट्यूशन ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग (2007) के अध्यक्ष, 2007 से 2018 तक ग्लोबल रिसर्च अलायंस के अध्यक्ष भी रहे हैं।
आपको बता दे, डॉ. माशेलकर एकेडमी ऑफ साइंटिफिक एंड इनोवेटिव रिसर्च के पहले अध्यक्ष भी थे। विज्ञान और रसायन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए उन्हें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
आपको यह भी बताते चले, डॉ. माशेलकर प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के सदस्य थे और बाद की सरकारों द्वारा गठित मंत्रिमंडल की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के भी सदस्य थे।
उन्होंने राष्ट्रीय ऑटो ईंधन नीति से लेकर भारतीय दवा नियामक प्रणाली में सुधार और नकली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए विभिन्न मुद्दों पर गौर करने के लिए 12 उच्चस्तरीय समितियों की अध्यक्षता की है।
उन्हें सरकार द्वारा भोपाल गैस त्रासदी (1985-86) की जांच के लिए एक सदस्यीय जांच आयोग के लिए मूल्यांकनकर्ता और महाराष्ट्र गैस क्रैकर कॉम्प्लेक्स दुर्घ टना (1990-91) की जांच के लिए समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
डॉ. विजय केलकर का जन्म 15 मई 1942 को हुआ था। इन्होंने अपनी पहचान एक नामी भारतीय अर्थशास्त्री के रूप में बनाई। वह आज के समय में फोरम ऑफ फेडरेशन, ओटावा एंड इंडिया डेवलपमेंट फाउंडेशन, नई दिल्ली के चेयरमैन और जनवाणी के अध्यक्ष हैं।
आपको बता दे, जनवाणी पुणे में महरट्टा चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआईए) का एक सोशल इनिशिएटिव है। उन्हें 4 जनवरी 2014 को श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट (पुट्टपर्थी, आंध्र प्रदेश) के ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया।
आपको यह भी बता दे कि, वह जनवरी 2010 तक वित्त आयोग के अध्यक्ष भी थे। इससे पहले 2002-2004 तक वे वित्त मंत्री के सलाहकार रहे है। भारत में हुए आर्थिक सुधारों में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है।
इससे पहले, 1998-1999 में भारत सरकार के वित्त सचिव बने रहे, और 1999 में उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बोर्ड में भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका के कार्यकारी निदेशक के रूप में नामित किया गया।
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