भारत को विविध रंगों से भरा हुआ और रिति रस्मों से सजा हुआ देश माना जाता है। यहां हर कल्चर के अलग-अलग रीति रिवाज लोगों को लुभाते हैं और सबसे अच्छी बात ही होती है कि अलग-अलग धर्म के लोग भी एक दूसरे के त्यौहार को जानने के इच्छुक होते हैं और उन्हें एक साथ सेलिब्रेट करना पसंद करते हैं।
लेकिन सबसे अच्छी और खास बात यह होती है कि हर देश और हर राज्य यहां तक की हर धर्म में अपनी अलग एक खासियत होती है। खासियत हूं कि जो लोग हैं किसी को सब को अलग ही ढंग से बनाते हैं और उसमें सबसे ज्यादा जो मनोरंजन करने वाली सामग्री होती है वह होती है व्यंजनों से भरी हुई थालियां।
लेकिन हर धर्म हर साल और हर कल्चर में आपको दो ऐसी चीजें हैं जो समान रूप से देखने को अवश्य ही मिलती होंगी वह होती है रोटी और चावल यह दोनों ही सामग्री शाकाहारी भोजन के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण सामग्रियों में से एक होती है। वैसे तो जब खा लिया सजी होती है व्यंजनों से भरी होती है।
तो यह भी नहीं सोचते कि हम पहले क्या खाएं हमारा मन जो करता है जैसे करता है हम वही खाना स्टार्ट कर देते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा दिया है कि नियमानुसार हमें रोटी पहले खानी चाहिए या फिर चावल तो चलिए आज हमारा आर्टिकल इसी विषय पर है जो आपको बताएगा कि रोटी और चावल में क्या हमारे जीवन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण जगह बनाता है।
दरअसल उत्तरी भारत के इलाको में सब्जी के साथ पहले रोटी फिर चावल खाने का चलन है, जबकि दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में लोग पहले चावल फिर रोटी खाना पसंद करते हैं। वहीं महारष्ट्र के ब्राह्मण समुदाय में पहले ऐसी परंपरा थी या अभी भी कुछ हद तक है, जहां चावल और सादी दाल में घी डाल परोसा जाता है। जब चावल समाप्त हो जाए तो रोटी या पूड़ी खिलाई जाती है। इसके बाद फिर से थोड़ा सा दही चावल दिया जाता है. ऐसे में सवाल अभी भी बना हुआ है कि किस इलाके के लोगों का तरीका सही है।
पहले रोटी या चावल? इस सवाल का जवाब जानने के लिए चलिए पहले इन दोनों खाद्य पदार्थों के पौष्टिक गुणों पर एक नजर डाल लेते हैं. यदि आप 1/3 कप पका हुआ चावल खाते हैं तो उससे आपके शरीर को 80 कैलोरी, 1 ग्राम प्रोटीन, 0.1 ग्राम फैट और 18 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्राप्त होता है. वहीं 6 इंच के आकार की एक रोटी खाने पर आपको 71 ग्राम कैलोरी, 3 ग्राम प्रोटीन 0.4 ग्राम फैट और 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मिलता है. इसके अतिरिक्त रोटी में विटामिन A, B1, B2, B3, कैल्शियम और आयरन भी मौजूद रहता है.
दरअसल इस बात का जवाब इस बात पर भी काफी हद तक निर्भर करता है कि आप किस इलाके में रहते हैं और किस तरह का काम करते हैं। इसकी वजह ये है कि इंसान के शरीर की जरूरतें इस बात पर भी निर्भर करती है कि उसके आसपास का वातावरण कैसा है. मसलन उत्तरी भारत के मैदानी इलाकों (जैसे राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश) में रहने वाले लोगों को पहले रोटी खाना चाहिए. वहीं दक्षिण भारत में रहने वाले पहले चावल खा सकते हैं. वहीं पहाड़ी इलाकों में दोनों में से कुछ भी पहले खाया जा सकता है.
हालाँकि इन सभी स्थिति में ये बात ज्यादा मायने रखती है कि आप रोटी और चावल कितनी मात्रा में खाते हैं. मसलन यदि आप शारीरिक मेहनत अधिक करते हैं तो आपको रोटी की मात्रा अधिक और चावल की कम खाना चाहिए. वहीं शारीरिक श्रम न करने वाले रोटी और चावल दोनों ही बराबर मात्रा में खा सकते हैं.
एक और काम की बात बता दें कि एक रोटी में एक कप से भी अधिक फाइबर होता है. यह फाइबर आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है. इसलिए पहले रोटी और फिर चावल खाना एक अच्छी आदत होती है.
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