अभिभावकों के साथ निजी स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा कसने के लिए एवं शिक्षा विभाग में आदेश जारी किए हैं नए सत्र के दौरान विभागों के साथ निजी स्कूल की तरफ से हो रही वर्क बुक के नाम पर खेले जाने वाले खेल को अब शिक्षा विभाग में बंद कर दिया है शिक्षा विभाग ने पुस्तकों के वर्क को लेकर एक पत्र जारी किया है
इस पत्र के अनुसार अब अभिभावकों को स्कूल अपने अनुसार किसी भी पुस्तक विक्रेता से पुस्तक खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता पिछले कई दिनों से स्कूलों की तरफ से पुस्तकों और वर्क बुक के नाम पर अभिभावकों से दुगनी से रकम वसूली जा रही है इस स्थिति में अभिभावक काफी परेशान हो रहे थे क्योंकि वर्क बुक के नाम पर अभिभावकों से भारी-भरकम राशि वसूली जा रही थी।
निजी स्कूलों में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए महंगे आवेदन फार्म, दाखिला टेस्ट फीस और फिर दाखिला फीस के बाद खास दुकानों से सामग्री खरीदारी का अभिभावकों को दबाव बनाया जाता है। करनाल शहर में स्कूल के बाहर फ्लैक्स बोर्ड लगाकर संबंधित स्कूलों की किताबों की बिक्री हो रही है। विशेष है कि यह फ्लैक्स बोर्ड कपड़े बेचने वाले दुकानदार भी लगाकर मोटा कारोबार कर रहे हैं।
इस स्थिति में अभिभावक काफी परेशान हो रहे थे इसी संदर्भ में हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से वह पत्र जारी किया गया है इस आदेश के अनुसार सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि कोई भी विद्यालय हरियाणा विद्यालय संशोधन 2021 के पेरा 3 के अनुसार अपने विद्यालय में अध्ययनरत
विद्यार्थियों को विद्यालय द्वारा अनुशंसित दुकानों से पुस्तकें कार्य पुस्तक आएं लेखन सामग्री जूते मौजे वर्दी इत्यादि खरीदने के लिए वादे नहीं कर सकते यदि किसी भी निजी विद्यालय ने इस आदेश के उल्लंघन की तो उसके विरुद्ध हरियाणा विद्यालय शिक्षा नियमावली 2003 के अनुसार कार्यवाही की जाएगी
खास बात यह है कि बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूल पहले ही फीस में बढ़ोतरी कर चुके हैं। वहीं अभिभावकों द्वारा उन्हीं दुकानों से स्कूल यूनिफार्म और कापी-किताबें भी खरीदी जा चुकी हैं। एक और रोचक पहलू यह है कि अधिकांश जिलों में कापी-किताबों और यूनिफार्म के लिए पहले से ही दुकानें तय हैं। इन दुकानों से अलग अन्य कहीं यूनिफार्म भी कम ही मिलती है।