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अपने किन्नर बेटे को मां ने निकाला घर से बाहर, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से परिवार नाम किया रोशन

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जैसा की आप सभी को पता ही है कि मां का दिल सबसे ज्यादा अपने बच्चे के लिए धड़कता है। बच्चा चाहे जैसा भी हो मां का प्यार उसके लिए कभी कम नहीं होता। अगर उसके बच्चे की तरफ कोई आंख उठाकर भी देखता है तो मां उसकी आंखें नाचने के लिए हमेशा तैयार रहती है। जितना ध्यान मां अपने बच्चे का रखती है उतना और कोई नहीं रख सकता। सबसे ज्यादा लाड प्यार मां ही एक बच्चे को करती है। वह उसे अपने से दूर करने के बारे में सोच भी नहीं सकती।

लेकिन आज हम आपको एक ऐसे माता-पिता के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने अपने बच्चे को अपने से इसलिए दूर कर दिया क्योंकि वह एक किन्नर था। जिस बच्चे को मां ने अपने से दूर किया था आज उसी बच्चे ने ऐसा काम कर दिया कि माता पिता और परिवार की शान बढ़ गई।

अपने किन्नर बेटे को मां ने निकाला घर से बाहर, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से परिवार नाम किया रोशन

जी हां हम बात कर रहे हैं एडम हैरी की। यह देश का सबसे पहला ट्रांसजेंडर पायलट है। जब एडम के माता-पिता को पता चला कि वह किन्नर है तो उसे उन्होंने घर से बाहर निकाल दिया था। जब उसके परिवार वालों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया था तो उसके पास कुछ भी नहीं था।

अपने किन्नर बेटे को मां ने निकाला घर से बाहर, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से परिवार नाम किया रोशन

आपको बता दे,  घर परिवार से बेघर होने के बाद वह बिल्कुल अकेला पड़ गया था। वह फुटपाथ पर सोता था लेकिन एडम ने फिर भी हार नहीं मानी।  मन में कुछ कर दिखाने की ठान ली।

अपने किन्नर बेटे को मां ने निकाला घर से बाहर, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से परिवार नाम किया रोशन

आपको बता दे, एडम का बचपन से ही कमर्शियल पायलट बनने का सपना था। अपने सपने को साकार करने के लिए उन्होंने प्राइवेट पायलट लाइसेंस का परीक्षण लिया। साल 2017 में उन्हें जोहान वर्ग ने लाइसेंस भी दे दिया। एडम के पास अपने खर्चा निकालने तक के पैसे नहीं थे, इस वजह से उन्हें जूस की दुकान पर काम करना पड़ता था।

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इस दौरान भी एडम  को कुछ लोग  गंदी नजरों से देखते थे। लेकिन उसने फिर भी हार नहीं मानी। एडम ने सोशल जस्टिस विभाग से अपनी पढ़ाई के लिए मदद मांगी। तो उन्होंने एविएशन एकेडमी को ज्वाइन करने की सलाह दी।

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इस परेशानी के वक्त एडम को केरल सरकार ने सहायता देते हुये राज्य सामाजिक न्याय डिपार्टमेंट की ओर से 22.34 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दिलायी। जिसकी सहायता से वो कॉर्मिशयल पायलट बन सकें। जो परिवार उन्हें नफरत की निगाहों से देखता था आज उनको ही अपने बेटे पर गर्व महसूस होता है।

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