पेट्रोल-डीजल के आसमान छूती कीमतों के बाद अब आम आदमी गर्मी से राहत पाने के लिए नींबू पानी भी नहीं पी सकता. नींबू के दाम भी अब जनता की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं. गर्मियों में बढ़ते तापमान के बीच नींबू की मांग भी काफी बढ़ गई है. जिससे कई जगह नींबू 300 रुपये किलो को पार कर गया है. आलम यह है कि कई जगहों पर 10 रुपये में एक ही नींबू मिल रहा है
कहीं 250 रुपये, तो कहीं 400 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है ये नींबू। अब तो एक नींबू खरीदने के लिए भी दो बार सोचना पड़ रहा है। सही में, पेट्रोल, डीजल, पीएनजी, सीएनजी, दवाईयां और सब्जियों की बढ़ते दामों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है ।
दरअसल गर्मी के कारण सब्जियों के भाव में काफी बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। जिससे रसोई से हरी सब्जियां पूरी तरह से गायब नजर आ रही है। मौसम की मार के चलते अन्य मौसमी सब्जियों के भाव भी आसमान पर है। ऐसे में रसोई का बजट और बिगड़ रहा है।
बता दें कि दिल्ली की ही सब्जी मंडियों में बीते 5 दिन में नींबू की कीमतें 80 रुपये प्रति किलो तक बढ़ी हैं। नींबू कारोबारियों के मुताबिक, नींबू के दाम बढ़ने की वजह पिछले साल गुजरात में आया तूफान है। तूफान की वजह से नींबू के फूल झड़ गए। साथ ही नींबू की झाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा।
इसके अलावा दो और राज्य तेलंगाना-आंध्र प्रदेश भी नींबू की पैदावार में बड़ा स्थान रखते हैं। वहां भी चक्रवाती तूफानों की वजह से बारिश का ऐसा असर रहा कि नींबू की फसल नष्ट होती चली गई। नींबू के पेड़ों को बड़ा नुकसान पहुंचा।
इस बार मार्च में ही मौसम का पार चढ़ गया. अप्रैल की शुरूआत में तो लू जैसे हालात हो गए हैं. इससे कुछ हरी सब्जियों की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. भिंडी, तोरी, शिमला मिर्च और हरी मिर्च की कीमतें भी सौ रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं. इस समय खूब बिकने वाला परवल भी 80 रुपये किलो बिक रहा है. मटर की फलियां भी 80 रुपये किलो बिक रही है. इन दिनों टामाटर भी 40 रुपये किलो के करीब पहुंच गया है.