सैनिक एक ऐसे शकस होते है जिनके चलते हमे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता। अगर हमारे सैनिक न हो तो हमे बहुत से डरो से निकलना पड़ सकता है। ऐसे ही एक सैनिक के बारे में आज हम बात करेंगे।जिन्होंने हमारे देश को रक्षा कर काफी बचाया। वैसे तो सभी सैनिक एक समान होते हैं और देश की रक्षा करने में लगे होते हैं लेकिन जींद के जुलाना क्षेत्र में से एक बेटा जो सैनिक बना और देश की जमकर रक्षा करें उसके बारे में आज हम बात करेंगे।
सैनिक सोनू अहलावत जोकि जींद के जुलाना क्षेत्र के लाजवाना खुर्द गांव में रहते थे। उन्हें शनिवार को दिल्ली के वसंत कुंज में शौर्य दिवस के मौके पर गृह सचिव अजय कुमार के हाथों गैलंट्री अवॉर्ड मिला। यह एक बहुत यश और शौर्य की बात है कि आपको ऐसे सम्मानित किया जाए।
आपको बता दें कि यह अवार्ड सोनू को 26 जनवरी 2021 के लिए चयनित हुआ था लेकिन कोरोना महामारी के चलते लोगों को काफी दिक्कतें हुई साथ ही जितने भी सामाजिक कार्यक्रम थे।वह इस प्रकार से किसी को अवार्ड मिलना था उसको मिल नहीं पाया सोनू को अवार्ड मिलने से पूरे परिवार में और गांव के लोगों में खुशी का माहौल बना हुआ है।
अगर बात करें सोनू अहलावत की तो वह किसान परिवार में जन्मे थे।उनका बचपन से ही सपना था कि वो सेना में भर्ती होकर देश का नाम रोशन करें सोनू के पिता एक किसान है और उनकी माता एक ग्रहणी है ।सोनू का चयन सीआरपीएफ में 21 मार्च 2012 को हुआ था वहीं अगर बात करें पोस्टिंग की तो उनकी सबसे पहले पोस्टिंग छत्तीसगढ़ इन नक्सल एरिया में हुई थी।
सोनू ने बताया कि 5 अगस्त 2017 को उसकी पोस्टिंग श्रीनगर में हो गई। 26 जनवरी 2019 को श्रीनगर के खुनमू में आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
घायल होने के बाद भी उसने हिम्मत नही हारी और पाकिस्तानी आतंकवादियों ने लगातार लड़ता रहा।
इस आपरेशन में उसने दो आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था। आपरेशन पूरा होने के बाद सोनू ने अपनी चोटों के बारे में साथियों को बताया। सैनिकों ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया जहां पर सोनू के पैर से गोली निकली और जबड़े का जटिल आपरेशन हुआ।
सोनू बताया कि उसने अब तक 22 आपरेशनों में भाग लिया है और 58 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा है। उनकी वैली क्वाट आपरेशन टीम पूरी दुनिया में मशहूर है जो आपरेशन पर जाने के बाद कामयाब होकर ही लौटती है। सोनू दो आपरेशन में गंभीर रूप से घायल हो चुका है।
सोनू की सेना में 10 साल की सर्विस हो चुकी है। सोनू के पिता किसान रणबीर सिंह ने बताया कि उनके बेटे को अवार्ड मिलने पर पूरे गांव में खुशी की लहर है। उनके परिवार की इच्छा थी कि उनके परिवार का कोई बच्चा सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करे। उनके छोटे बेटे सोनू ने उनके परिवार की इच्छा पूरी करते हुए सेना में भर्ती होकर देश और गांव का नाम रोशन किया है।
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