फरीदाबाद की कल्पना चावला पार्क के इंतकाल को गलत तरीके से चढ़ाने के चलते अब चेतराम पटवारी खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है ।आपको बता दें कि अब इस मामले में विजिलेंस की टीम ने सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों से पूछताछ भी शुरू कर दी है और उसने पुराने रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए है ।
आपको यह भी बता दे कि इस सिटी पार्क पर कुछ लोगों ने दावा किया कि है उनकी जमीन पर बना हुआ है जिसके बाद उन लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और अदालत से उन्हें निश्चित ही न्याय मिला । इसके बाद यह फैसला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में नगर निगम केस हार गया ।
विजिलेंस की जांच रिपोर्ट के अनुसार पार्क की जमीन खसरा नंबर 137 में आती है। साल 1980-81 तक खसरा राजस्व रिकार्ड में काम्प्लेक्स देह शामलात के तहत दर्ज है। पार्क के जिस हिस्से पर विवाद है, उसमें बिहारी लाल नाम के व्यक्ति ने भूस की टाल व मशीन लगाई हुई थी। काम्प्लेक्स ने जमीन खाली करने के लिए कहा तो बिहारी लाल ने स्थानीय अदालत में मुकदमा दायर कर दिया। अदालत ने बिहारी लाल से जमीन खाली कराने पर रोक लगा दी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही इस साल 2022 फरवरी में प्रशासन ने याचिकाकर्ता को कब्जा दिला दिया लेकिन उसके अगले ही दिन जिला प्रशासन ने उसकी चारदीवारी गिरा दी जिसके बाद याचिकाकर्ता ने अदालत का दरवाजा फिर से खटखटाया । अब 8 मार्च को अदालत ने बल्लमगढ़ तहसीलदार को 1 महीने के अंदर उसका कब्जा दिलाने का आदेश दिया और उसके बाद इस पूरे मामले को विजिलेंस की टीम को सौंप दिया गया ।
विजिलेंस की टीम ने पाया कि इस मामले में पटवारी स्तर के कई अधिकारी एवं कर्मचारी दोषी है ।पटवारी की गलत इंतकाल के कारण उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया और कहीं ना कहीं इसी कारण निगम इस केस को अदालत में हारती रही ।
अब पूरे मामले में विजिलेंस की टीम पटवारी चेतराम से पूछताछ करेगी कि यह गलती कैसे हुई