विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान अब अपने छात्रों की फाइनल वर्ष की परीक्षा को बिना बाधा करा सकेंगे क्योंकि गृह मंत्रालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। कोरोना की वजह से अभी तक उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों को परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं थी। लेकिन गृह मंत्रालय ने उच्च शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर इसकी मंजूरी दे दी है।
गृह मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नियम शिक्षण सत्र के अंत में अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित कराने के निर्देश देते हैं, ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी को लेकर जो नियम जारी किए हैं उनका पालन करते हुए परीक्षा आयोजित की जा सकती है।
गृह मंत्रालय की इस अनुमति के बाद सभी विश्वविद्यालय, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट और अन्य सभी उच्च शिक्षा संस्थान अपने फाइनल इयर के छात्रों की परीक्षा करा सकेंगे। कोरोना महामारी की वजह से ज्यादातर उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों में अभी तक परीक्षाएं नहीं हो पायी हैं।
अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए जारी गाइडलाइन की जरूरी बातें
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी द्वारा आज 6 जुलाई विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए नए दिशानिर्देश-2020 जारी कर दिए गए हैं, जिसके तहत यूनिवसिर्टी और कॉलेजों को फाइनल ईयर के एग्जाम आयोजित करना अनिवार्य कर दिया गया है।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने हायर एजुकेशन सेकेट्री को पत्र लिखकर कॉलेज, यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजित करने के लिए कहा है। पत्र में बताया गया है कि, कॉलेजों के रिजल्ट तैयार करने के लिए परीक्षाएं आयोजित करना जरूरी है।
आयोग ने माना है कि रिजल्ट जारी करने के लिए ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन, किसी भी संभव तरीके से परीक्षाएं आयोजित करना अनिवार्य होगा। हालांकि, यूनिवर्सिटी/कॉलेज ऑनलाइन माध्यम से परीक्षाएं आयोजित कर सकेंगे।
UGC द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, परीक्षाएं सितंबर अंत तक आयोजित की जा सकती हैं। संस्थानों को ऑनलाइन माध्यम से भी परीक्षाएं आयोजित करने की स्वतंत्रता होगी।
सितंबर में होगी परीक्षाएं
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कोरोना महामारी के मद्देनजर विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षाओं और अकादमिक कैलेंडर में बदलाव कर दिशानिर्देश जारी किए हैं। यूजीसी द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक, परीक्षाएं सितंबर अंत तक आयोजित कराई जा सकती है।
कोरोना वायरस महामारी को काबू करने के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया था। देश के विश्वविद्यालयों एवं अन्य शिक्षण संस्थाओं द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाएं मार्च से टाली जा रही थीं। देश में अनलॉक चरणों के दौरान निरुद्ध क्षेत्रों को छोड़कर सभी इलाकों में कई गतिविधियों की अनुमति दे दी गई है, लेकिन स्कूलों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और अन्य अकादमिक संस्थानों का नियमित संचालन शुरू नहीं हुआ है।
परीक्षाएं कराने वाली संस्थाओं को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन्स के तहत परीक्षाएं कराई जानी चाहिए । आपको बता दें कि, यूजीसी ने 29 अप्रैल, 2020 को परीक्षाओं को लेकर जो गाइडलाइंस जारी की थी, उसमें कोई बदलाव नहीं किया है। मगर परीक्षा कैलेंडर में थोड़ा बदलाव किया गया है। पहले जहां 1 से 15 जुलई तक फाइनल ईयर के परीक्षा आयोजित कराने का निर्देश दिया गया था, अब इसे बढ़ाकर सितंबर कर दिया गया है।
स्टूडेंट्स कर रहे थे परीक्षा कैंसिल करने की मांग
देशभर में स्टूडेंट्स परीक्षाएं कैंसिल करने का अनुरोध कर रहे थे सीबीएसई, नीट और जेईई जैसी बड़ी परीक्षाओं के कैंसिल हो जाने से उन्हें यूनिवर्सिटी एग्जाम्स भी कैंसिल हो जाने की अच्छी उम्मीद थी कोरोना के कारण परीक्षाएं रद्द करने की मांग स्टूडेंट्स द्वारा उठायी जा रही थी |
सोशल मीडिया इस तरह के मैसेजेस से भरा पड़ा था, जिनमें एग्जाम न कराने के लिए बहुत से कारण दिए जा रहे थे हालांकि अब फैसला आ गया है और परीक्षाएं आयोजित होंगी |
Written By- Prashant K Sonni
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