अपनी आर्थिक स्थिति से जूझता हुआ नगर निगम कैसे फरीदाबाद के विकास को आगे बढ़ाएगा यह सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है फरीदाबाद नगर निगम की स्थिति उतनी अच्छी नहीं है जिसका सीधा असर फरीदाबाद के विकास कार्यों पर पड़ रहा है जबकि नगर निगम का करोड़ों रुपए सरकारी विभाग व अन्य विभागों के पास बकाया है
यदि खाली सरकारी भवनों की बात की जाए तो उन पर भी नगर निगम का 63 करोड़ संपत्ति कर बकाया है हालांकि नगर निगम अभी पूरी तरीके से अपने बकाया कर को वसूलने में लगा हुआ है नगर निगम है पिछले साल बड़े पैमाने पर संपत्ति कर वसूल किया था जो तकरीबन 250 करोड रुपए था इस कार को वसूल करने के लिए बड़े बकायेदारों की संपत्ति को भी सील किया गया था
करीब 950 ऐसी संपत्ति आती जिन पर कार्यवाही करके करके करोड़ों रुपए वसूले गए थे 1 जनवरी से लेकर मार्च तक सरकार ने लोगों को कर माफ करने की भी घोषणा की थी इस घोषणा के बाद लोगों ने इस बात का फायदा उठाया लेकिन नगर निगम फिर भी अपने लक्ष्य के अनुसार कर वसूल नहीं कर पाया
साल 2007 के सर्वे में पता चला कि 2.86 लाख निगम क्षेत्र में संपति है इसी सिलसिले में नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने अधिकारियों के साथ बैठक की । इस बैठक में हाउस टैक्स विकास शुल्क लीज रेंट पानी सीवर चार्जेस लैंड रेट चार्जेस के ऊपर बात की गई यशपाल यादव ने कहा है कि लोगों के द्वारा संपत्ति करना चुकाए जाने पर विकास कार्य करना मुस्किल हो गया है
निगम आयुक्त ने आदेश दिए हैं कि की 2021 और 22 में संपत्ति कर कम जमा किए गए हैं इसके लिए कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं और कौन-कौन से कर अन्य बकाया रह गए हैं इसको लेकर एक रिपोर्ट मांगी है ताकि उसी के अनुसार आगे के कदम उठाए जाएंगे
जानकारी के अनुसार पता चलता है कि सरकारी भवनों पर ही 63 करोड़ रुपए की संपत्ति कर बकाया है जिसमें बल्लभगढ़ और फरीदाबाद के सरकारी भवन शामिल है उसके साथ सरकारी सस्थान के भी भवन शामिल है इसमें 20 करोड़ से ज्यादा लालडोरा के प्रॉपर्टी शामिल है जबकि 10 करोड़ पर विवाद चल रहा है
सरकारी संस्थानों और भावनाओं के साथ 130 करोड़ रुपए आम लोगों से लेने वाली है नगर निगम फिलहाल 2022 और 23 के टैक्स वसूल करने पर जोर दे रहा है वही निगम का फरमान है कि यदि टैक्स समय पर जमा नहीं कराया गया तो ऐसे लोगों की संपत्ति भी सील की जा सकती है