हरियाणा सरकार ने फैसला लेते हुए पाल गडरिया समुदाय को पिछड़ा वर्ग से निकाल कर अनुसूचित जाति में शामिल कर दिया है। यह मांग प्रदेश में लंबे समय से चली आ रही थी। इस समुदाय के हजारों लोग दोहरा मापदंड झेल रहे थे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 7 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि हरियाणा में पाल गडरिया समुदाय पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल है। उन्होंने बताया कि पाल गडरिया समुदाय मूल रूप से सैंसी समुदाय की उप -जाती है।
आनंद एम सारनअनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग विभाग का कल्याण हरियाणा सरकार के प्रधान सचिव ने जारी नोटिफिकेशन में बताया कि अधिसूचित जनजातियों की सूची में सेंसी के पर्याय के रूप में जोड़ा गया है। गडरिया जाती को अनुसूचित जाति में शामिल के लिए समय-समय पर राज्य सरकार से मांग की जा रही थी ,
दरअसल यह कहा गया है कि गडरिया और पाल जाती सेंसी जाति की एक उप-जाति है और इसलिए, अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र उन्हें देखते हुए जारी किया गया हैं
सीएम ने बताया कि हरियाणा में सैंसी समुदाय को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है। जबकि इसकी सब कास्ट पाल गडरिया को पिछड़ा वर्ग में रखा गया था।
मूल जाति व उप जाति को अलग-अलग श्रेणियों में शामिल किए जाने से इस समुदाय के लोग दुविधा में थे। हरियाणा सरकार द्वारा इस मामले को लेकर एक कमेटी का गठन किया। कमेटी की सिफारिशों के बाद आज सरकार ने पाल गडरिया बिरादरी को पिछड़ा वर्ग से बाहर निकालकर अनुसूचित जाति में शामिल कर दिया।
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