फरीदाबाद में विजिलेंस टीम काफी एक्टिव नजर आ रही है। ऐसे में अगर बात करें काले धंधे और भ्रष्टाचार की तो फरीदाबाद में अब उसका नामोनिशान नहीं रहने वाला। क्योंकि विजिलेंस टीम अपना कार्य बखूभी निभा रही है।ऐसे में लगातार काले धंधे वाले लोग पकड़े जा रहे हैं। नगर निगम में भी ऐसा एक मामला सामने आया जिसमें बिना काम किए भुगतान कर लिया।
लेकिन अब विजिलेंस को लेकर भी कई सवाल उठने लगे हैं। जैसे कि सबसे पहला सवाल यह उठता है कि विजिलेंस की सारी जांच एक ही अधिकारी के इर्द-गिर्द क्यों घूम रही है। ऐसे में बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा है।विधायक नीरज शर्मा ने भी मुख्यमंत्री को विधानसभा में उच्च अधिकारियों के समेत अन्य अधिकारियों के नाम भी गिनाए।
आपको बता दे की साल 2019 में शुरू हुई
विजयंत ने नगर निगम के मुख्य अभियंता को नोटिस देकर 35 सवालों के जवाब मांगे हैं। इन 35 सवालों में यह भी साफ हो जाएगा कि घोटाले की जांच कितने अधिकारियों तक जाती है।
इससे पहले भी नगर निगम पर कई आरोप लग चुके हैं।नगर निगम के बिना करण काम करने के लिए और उसका भुगतान मामले पर पहले भी पार्षद दीपक चौधरी,
महेंद्र सरपंच, सुरेंद्र अग्रवाल ने कई सवाल उठाया था। जुलाई 2020 में शिकायत की थी उन्होंने आरोप भी लगाए थे कि उनके वार्ड के अलावा करोड रुपए का भुगतान हो चुका है।यह काम इंटरलॉकिंग टाइल नाली और पुलिया बनाने के लिए है।