प्राइमरी स्कूलों में अब सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसके लिए तमाम प्राइमरी स्कूलों को अलग से फंड मिल रहा है। बता दें स्कूल परिसर, शौचालय की साफ सफाई, बागवानी के प्रतिमाह ₹8000 का बजट तय किया गया है। वहीं राजकीय प्राथमिक स्कूलों को अप्रैल से बजट जारी कर दिया जाएगा।
दरअसल अधिकांश प्राइमरी स्कूलों में अभी तक सफाई और शौचालय की देखभाल के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन और राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने स्कूलों में इन समस्याओं को लेकर जिला मौलिक निर्देशक आशंज कुमार को कई बार अवगत कराया था।
अब निर्देशक ने स्कूलों में कई कार्यों के लिए 8 हजार रुपए प्रति महीना का बजट स्वीकृत किया है और दोनों एसोसिएशन के प्रधान चतर सिंह और विजय कुमार का कहना है, कि इसका भुगतान एसएमसी करेगा और खर्च का पूरा रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। इसके तहत स्कूलों में एसएमसी से कहा गया है, कि वह इन पैसों से स्कूल परिषद की सफाई जलभराव और जल निकासी प्रबंध आदि कर सकें।
एसएमसी के माध्यम से स्कूलों में जरूरत के अनुसार कौन-कौन से काम कराए जाने हैं। इस पर मानसिक बैठक में निर्णय लिया जाएगा और जिन स्कूलों में एजुकेशन चौकीदारों द्वारा मल्टी परपस वर्कर का कार्य करने के लिए सहमति दी है, उन्हें यह राशि जारी नहीं होगी। अगर स्कूलों में इसके बाद भी गंदगी मिलती है तो अनुशासनहीनता के दायरे में आएगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल मुखिया की होगी।
वही बता दें कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को लेकर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्यक्रम जारी कर दिया है और 28 अप्रैल से दसवीं की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच आरंभ हो जाएगी। वहीं पलवल में चार मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच 2 मई से शुरू हो सकती है वहीं खंड शिक्षा अधिकारी सगीर अहमद का कहना है, कि मूल्यांकन केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी से उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जाएगी। एक शिक्षक प्रतिदिन तीन उत्तर पुस्तिकाएं जांचने की जिम्मेदारी होगी।