कुत्ते की मौत के बाद शोक में डूबा परिवार
कालू नाम के इस कुत्ते की मौत के बाद घर वालों ने इसी नदी में प्रवाहित कर दिया फिर कुत्ते के मालिक लखन अपने कुत्ते की मृत्यु भोज में रिश्तेदारों परिचितों और स्थानीय लोगों को भी निमंत्रित किया।
चौकीदार की जरूरत नहीं पड़ी
लखन सिंह के अनुसार 13 दिन पहले कालों की मौत हुई थी। उन्होंने विधि विधान से अंतिम संस्कार किया और अंतिम संस्कार के बाद मृत्यु भोज भी दिया। लखन ने बताया कि कालू को 2001 में वह घर लाएं तभी से उसे घर में रखा गया। जब से उसे घर में रखा गया कभी चौकीदार की जरूरत ही नहीं पड़ी।
लखन ने बताया कई बार चोरी की कोशिश हुई लेकिन कालू ने सब प्रयास को विफल किया। उसे बचपन से पाला जा रहा था बिना उसकी अनुमति के घर में कोई घुस नहीं सकता था। लखन ने कालू के मौत के बाद उसके शव को नदी में प्रवाहित कर अंतिम संस्कार किया और इस मृत्यु भोज में 500 लोगों का भंडारा दिया। मनुष्य की तरह ही इसका कर्मकांड किया गया और उसी विधि विधान से पूजा भी की गई।