एक तरफ बेरोजगारी के मामलों में खट्टर सरकार ने हरियाणा को टॉप 10 राज्यों में पहले राज्य पर लाकर खड़ा कर दिया है वही पिछले 6 साल में हरियाणा पर कर्ज 60 करोड़ से बढ़कर एक लाख 85 हजार करोड़ तक पहुंच चुका है।
देखा जाए तो जहां युवा बेरोजगार होते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर हरियाणा राज्य कर्ज में डूबता जा रहा है।
यह खुलासा सूचना अधिकार कानून यानी आरटीआई के तहत जानकारी पर प्राप्त हुई है। इसके बारे में पूर्ण जानकारी और खुलासा इंडियन नेशनल लोक दल इनेलो नेता व अधिवक्ता प्रमोद बागड़ी ने आरटीआई के तहत जानकारी में बताइ है।
उन्होंने वित्त विभाग के उप-निदेशक के पास आरटीआई के तहत आवेदन देकर हरियाणा सरकार के कर्ज की जानकारी मांगी थी। जानकारी के अनुसार, हरियाणा सरकार इस साल पर 03 अप्रैल तक 1,85,548 करोड़ रुपये का कर्जा हो गया है। यह प्रोविजनल आंकड़ा है।
बागड़ी के अनुसार, प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मनोहर लाल खट्टर सरकार आने से पूर्व 31 मार्च 2014 तक प्रदेश पर 60,293 करोड़ रुपये का कर्ज था। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने छह वर्ष के कार्यकाल में विकास के नाम पर 1,85,548 करोड़ रुपये हरियाणा सरकार पर कर्ज चढ़ाने का काम किया है ।
और इस दौरान सड़कों को बार-बार तोड़फोड़ कर दोबारा बनाने का फिजूल खर्च किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार सरकार में प्रदेश स्तर पर कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं लगाया गया।
बागड़ी ने कहा कि इससे पूर्व लगभग दस साल रही भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल में भी राज्य में कर्ज पर लगभग चौगुनी वृद्धि हुई थी और 15,886 करोड़ से बढ़कर यह 60 हजार करोड़ से पार हो गया था।
उन्होंने कहा कि इस दौरान कांग्रेस सरकार ने झांडली व खेदड़ बिजली के दो प्लांट लगाने का काम किया, लेकिन हुड्डा सरकार ने रोहतक के अलावा हरियाणा में समान रूप के विकास कार्य नहीं किए व दूसरे जिलों के साथ भेदभाव के साथ कार्य किया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने कमीशनखोरी का काम किया तथा झूठे विज्ञापन देने के नाम पर खर्च किया। वर्ष 2005 में काउंटर मैग्नेट सिटी बनाने के नाम पर केंद्र ने लगभग 12000 करोड़ रुपये खर्च कर दिए, लेकिन कहीं भी विकास नजर नहीं आता।
इनेलो नेता ने दावा किया कि इसके विपरीत ओमप्रकाश चौटाला ने अपने कार्यकाल में योजनाबद्ध तरीके से ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में सीसी कंक्रीट की सड़कें बनाई थीं तथा फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों का विकास किया।
वैसे तो बीजेपी सरकार सबका साथ सबका विकास नारा लेते हुए सत्ता में आई थी वही बता दे कि जहां फरीदाबाद में सबसे ज्यादा बीजेपी पार्टी की नेता है वही केंद्र और राज्य में भी बीजेपी पार्टी ही है ऐसे में राज्य का अनुदान बीजेपी नेताओं के कंधों पर ही हैं। उधर जहां एक तरफ युवा बेरोजगारी की अवधि के लिए जा रहे हैं वहीं राज्य पर इतना बड़ा कर्ज आखिर यह सोच ने वाली बात है।
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