नगर निगम क्षेत्र में लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में सुबह शाम पानी की आपूर्ति सही तरीके से नहीं हो रही है। लोगों को मजबूरन धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। ऐसे में अब नगर निगम इन जगहों पर टैंकरों से भी पानी आपूर्ति करेगा।औद्योगिक शहर फरीदाबाद का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब ग्रेटर फरीदाबाद में गगनचुंबी इमारतें खड़ी हो रही हैं।
शहर की आबादी भी करीब 28 लाख हो गई है। विभिन्न स्रोतों के माध्यम से करीब 260 एमएलडी पानी उपलब्ध है, “जबकि मांग 360 एमएलडी की है। ऐसे में लोगों को पेयजल किल्लत झेलनी पड़ रही है। शहर में पहले नगर निगम के पास पानी की पूरी जिम्मेदारी थी। अब रेनीवेल की जिम्मेदारी फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) के पास है।
कई बार दोनों विभागों में तालमेल की कमी से आम लोगों को पानी के लिए परेशानी होती है। नगर निगम क्षेत्र में 1411 ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति भी की जाती लिया गया है। है। साथ ही कई जगहों पर टैंकर ‘की भी सुविधा है। हाल ही में कुछ और जगहों पर पानी की समस्या होने पर टैंकर लगवाने जा रहा है। इसके लिए निविदा दी गई है ।
नगर निगम क्षेत्र में लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में सुबह शाम पानी की आपूर्ति सही तरीके से नहीं हो रही है। लोगों को मजबूरन धरना-प्रदर्शन करना पड़ रहा है। ऐसे में अब नगर निगम इन जगहों पर टैंकरों से भी पानी आपूर्ति करेगा।
औद्योगिक शहर फरीदाबाद का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब ग्रेटर फरीदाबाद में गगनचुंबी इमारतें खड़ी हो रही हैं। शहर की आबादी भी करीब 28 लाख हो गई है। विभिन्न स्रोतों के माध्यम से करीब 260 एमएलडी पानी उपलब्ध है, “जबकि मांग 360 एमएलडी की है।
ऐसे में लोगों को पेयजल किल्लत झेलनी पड़ रही है। शहर में पहले नगर निगम के पास पानी की पूरी जिम्मेदारी थी। अब रेनीवेल की जिम्मेदारी फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) के पास है।
कई बार दोनों विभागों में तालमेल की कमी से आम लोगों को पानी के लिए परेशानी होती है। नगर निगम क्षेत्र में 1411 ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति भी की जाती लिया गया है। है। साथ ही कई जगहों पर टैंकर ‘की भी सुविधा है।
हाल ही में कुछ और जगहों पर पानी की समस्या होने पर टैंकर लगवाने जा रहा है। इसके लिए यमुना नदी के किनारे 11 रेनीवेल लगे हुए है ।
जिसके माध्यम से पूरे शहर में पानी की कमी पूरी की जाती है ।