नगर निगम ने ग्रेटर फरीदाबाद और निगम में शामिल 24 नए गांवों को मिलाकर चंदावली जोन बना दिया है। इसके लिए चंदावली में निगम कार्यालय बनाया गया है। चंदावली कार्यालय में रिकॉर्ड समेत कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि कार्य आसानी से हो सकें। लेकिन क्या निगम के हालात के चलते ये मुम्किन हो पाएगा ?
सबसे पहले हम आपको गांव चंदावली के बारे में कुछ बताते है । चंदावली की पंचायत की गिनती जिले के बड़े गांव के साथ अमीर पंचायत में होती है। गांव लगभग 700 साल पुराना है। शुरुआत में गांव में मुस्लिम रहते थे।
मुस्लमानों के लाने के बाद यहां पर दिल्ली से आकर चंद्रों नाम की महिला आकर रहने लगी। परिवार के लोग खेती करते थे। इसलिए इसे चंद्रों का खेड़ा कहते थे।
इसके बाद इसे चंद्रावली कहने लगे। बाद में गांव का नाम बदलकर चंदावली पड़ गया। गांव में ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय खेतीबाड़ी है। गांव में 70 फीसदी लोग खेती करते हैं। 5 फीसदी सरकारी व कंपनियों में नौकरी करती हैं। 15 फीसदी दुकानदारी व 10 फीसदी लोग पशुपालन व मजदूरी करते हैं।
क्या सरकार का फैसला होगा सफल ?
नगर निगम फरीदाबाद का दायरा लगातार बढ़ रहा है। लेकिन निगम के खिलाफ उठने वाली आवाज भी कम नहीं है ।निगम गठन के दौरान साल 1994 में 24 वार्ड थे। साल 2001 में 35 वार्ड हो गए, जबकि वर्ष 2015 में निगम क्षेत्र में 40 वार्ड हो गए थे। इसके बाद नगर निगम क्षेत्र में 24 और गांव जुड़ गए. हैं। नई वार्ड बंदी के अनुसार, अब नियम क्षेत्र में वार्ड संख्या 45 हो गई है।
जबकि जिले की आबादी भी करीब 28 लाख तक पहुंच गई है। नगर निगम में जुड़े नए 24 गांवों में चंदावली, मझगांव, मलेरना, सोतई, शाहपुरा, बडौली, प्रह्लादपुर, भूपानी, भटोला, खेड़कीकलां, पलवली, नाचौली, रिवाजपुर, टिकावली, तिलपत, फरीदपुर, मिर्जापुर, नवादा, तिगांव, नीमका और बिंदापुर समेत अन्य शामिल हैं।
इन गांवों को नगर निगम में शामिल होने से ग्रेटर फरीदाबाद का दायरा काफी बढ़ गया । इसे देखते हुए निगम ने नया जोन चंदावली बनाकर कार्यालय शुरू कर ब दिया है।
इससे अब क्षेत्रीय कराधान ई शाखा का भी विस्तार हो गया है। अभी एनआईटी में तीन जोन, ओल्ड फरीदाबाद व बल्लभगढ़ में दो-दो में जोन थे।