बुढि़या नाला पर पुल बनाने की मांग डीएलएफ इंडस्ट्री ने की थी। 2018 में नेताओं को ज्ञापन भी दिया गया था। एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा ने बताया कि पुल बनने के बाद केवल एक औद्योगिक सेक्टर नहीं, बल्कि आसपास की रिहायशी कालोनियों के वासियों को आवागमन में दिक्कत नहीं होगी। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधीक्षण अभियंता राजीव शर्मा ने बताया कि पेयजल लाइन पहले शिफ्ट होगी। इसके बाद लोहे का पुल बनाएंगे। उसके बाद में कंक्रीट का पुल बनेगा।
औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर-32 को दो भागों में बांट रहे बुढि़या नाला पर पहले लोहे के पुल का निर्माण किया जाएगा। फिर उसके ऊपर से पेयजल लाइन निकलेगी। इसके लिए टेंडर भी दिए गए हैं। उम्मीद है अगले महीने से काम शुरू हो जाएगा। उसके बाद यहां कंक्रीट का पुल बनाया जाएगा। इसके भी टेंडर हो चुके हैं।
इस पुल की लागत करीब दो करोड़ रुपये आएगी। पुल बनने के बाद सेक्टर के एक फेस से दूसरे में जाने के लिए कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी।
यमुना नदी तक जाता है नाला :
सेक्टर-32 डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्र के बीच से गुजर रहा बुढि़या नाला ऐतिहासिक है। बारिश के दौरान अरावली पहाड़ी से पानी बहकर इस नाले के माध्यम से यमुना नदी तक जाता था। यह नाला राष्ट्रीय राजमार्ग को पार कर रहा है। अब इस नाले के दोनों ओर सेक्टर-32 औद्योगिक सेक्टर बस चुका है।
इस पर एक जर्जर पुल बना है, लेकिन इससे आवागमन बंद हो चुका है। इस वजह से इस सेक्टर में एक स्थान से दूसरे तक जाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर से घूमकर आना पड़ता है। इससे उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों सहित माल इधर-उधर ले जाने वाले वाहन चालकों को भी दिक्कत हो रही है।