हर बार वर्षा के बाद हाइवे से जुड़े अजरौंदा चौक पर होने वाले जलभराव से अब मुक्ति मिल सकती है। एनएचएआइ द्वारा जलभराव वाले स्थानों पर रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बनाने का काम तेज गति से चल रहा है। अजरौंदा चौक के दोनों ओर (नर्सरी और यातायात पुलिस कार्यालय की दीवार के साथ) राजमार्ग किनारे रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का निर्माण शुरू हो गया है।
अगले सप्ताह में ये काम पूरा हो जाएगा। वर्षा आने के बाद जैसे ही यहां पानी जमा होगा, वह तुरंत रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम के जरिये जमीन के नीचे पहुंच जाएगा। इससे जलभराव भी नहीं होगा और भूजल स्तर पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा ।इनमें जलभराव की वजह से वाहन चालकों की परेशानी को उजागर किया है। पिछले दिनों भी जब वर्षा हुई थी, तब यहां जलभराव हुआ था और इस वजह से शहर जाम हो गया था।
राष्ट्रीय राजमार्ग छह लेन तो हो गया है, लेकिन इसका फायदा शहरवासियों को नहीं मिल पा रहा है। हर चौराहे पर पुल बन गए हैं। दिल्ली से आगरा आने-जाने वाले तो फर्राटा भरते हुए निकल जाते हैं, लेकिन शहरवासी जाम से जूझते रहते हैं। वर्षा के बाद तो हालात और भी अधिक खराब हो जाते हैं। राजमार्ग पर 10 जगह ऐसी चिन्हित की गई हैं, जहां अधिक जलभराव होता है।
कई-कई दिन तक वर्षा का पानी जमा रहता है और वाहन चालकों को परेशानी होती है। इनमें दो प्वाइंट अजरौंदा चौक पर भी हैं। एनआइटी की ओर से राजमार्ग पर उतरते समय नर्सरी के सामने और यातायात पुलिस कार्यालय की राजमार्ग वाली दीवार के पास काफी पानी जमा हो जाता है। इससे नीलम पुल पर भी जाम लगता है।
नीलम सिनेमा चौक से लेकर बीके चौक तक इसका असर दिखाई देता है। पुल पार करने में ही 10 से 15 मिनट लग जाते हैं। राजमार्ग पर भी वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है। हालांकि राजमार्ग पर जगह-जगह पहले भी रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाए गए थे, लेकिन देखरेख के अभाव में सभी ठप हो गए हैं।
इस कारण अब वर्षा का पानी जगह-जगह जमा होता है। राजमार्ग पर नाले का निर्माण भी पूरा नहीं हो सका है। पूरी उम्मीद है कि सभी रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम मानसून शुरू होने से पहले बन जाएंगे।
कुछ बन गए हैं। इसके बाद जलभराव नहीं होगा। वर्षा के दौरान रेनवाटर हार्वेस्टिग सिस्टम की निगरानी की जाएगी। इनके मुहाने पर कचरा जमा न हो, यह सुनिशचित किया जाएगा।