सरकार की ओर से सर्वे के काम में जुटी निजी कंपनी ने निगम क्षेत्र में नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। नोटिस में हर संपत्ति का क्यूआर कोड भी दिया गया है। निगम की ओर से अन्य क्षेत्रों के साथ ही नेहरू कालोनी तथा दो नंबर डी ब्लाक, नागा बाबा कालोनी में भी नोटिस भेजे गए हैं। कई लोग निगम की इस कार्रवाई को ठीक मान रहे हैं, तो कई लोग विरोध जता रहे हैं।
नेहरू कालोनी निवासी कुलदीप भाटी तथा बृजमोहन ने बताया कि वह कई वर्षों से यहां रह रहे हैं। निगम ने कभी संपत्ति कर वसूल करने को नोटिस नहीं भेजे। अब क्यों भेजे जा रहे हैं, जब पूरी सुविधाएं नही दी जाती। ऐसे ही दो नंबर डी ब्लाक खोखा, नागा बाबा मंदिर निवासी पृथ्वी राज ने बताया कि उन्हें प्रापर्टी आइडी बना कर नोटिस भेजा गया है।
डी ब्लाक में कई लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। सरकार की नीति के तहत भेज रहे नोटिस ,नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त अभिषेक मीणा ने बताया कि सरकार की नीति के तहत हर घर से संपत्ति कर वसूल किया जाएगा। चाहे कोई दुकान या मकान सरकारी जमीन पर ही क्यों न हो सरकार ने राजस्व बढ़ाने को निजी कंपनी से सर्वे कराया था।
सर्वे के बाद अब नोटिस भेजे जा रहे हैं। नगर निगम ने कई वर्ष पहले निजी कंपनी से समझौता पत्र हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत निजी कंपनी ने सर्वे करके शहर की हर यूनिट का ब्योरा तैयार करना था। ब्योरा तैयार किया गया और साथ ही हर यूनिट रिहायशी हो या वाणज्यिक।
ब्योरे में इसका उल्लेख करना था। कई क्षेत्रों में रिकार्ड गलत होने की शिकायतें आ रही हैं। अब उन लोगों के पास नोटिस भेज गए हैं, जिनके पास मकान व दुकान का मालिकाना हक तक नहीं हैं। संपत्ति कर दायरे में आएंगी तीन लाख नई यूनिट ।
निगम के रिकार्ड में लगभग तीन लाख यूनिट संपत्ति कर दायरे में हैं। इनसे हर वर्ष करीब 65 करोड़ रुपये वसूल किए जाते हैं। मौजूदा समय में निगम क्षेत्र में छह लाख से अधिक वाणिज्यिक और रिहायशी यूनिट हैं।
जब नई यूनिट जुड़ जाएंगी, तो नगर निगम वर्ष भर में लगभग 130 करोड़ की वसूली कर पाएगा।