स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की हालत तेज बारिश ने एक बार फिर खराब कर दी है। मंगलवार सुबह हुई तेज बारिश से एक ओर जहां मौसम खुशनुमा हो गया, वहीं दूसरी ओर जलभराव की स्थिति बन गई। जगह-जगह सड़कें पानी से लबालब हो गईं। जलभराव ने नगर निगम और सिविक एजेंसियों के दावों की पोल खोल दी। हाइवे पर जलभराव के कारण घटों तक जाम लगने से ट्रैफिक व्यवस्था भी प्रभावित रही।
शहर में चार बड़ी सिविक एजेंसियां हैं, जिनमें नगर निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण और स्मार्ट सिटी लिमिटेड शामिल है। बारिश में हर बार जलभराव से शहर का बुरा हाल हो जाता है।
पिछले सप्ताह हुई बारिश ने भी अधिकारियों को आइना दिखाया था। कुछ देर की बारिश में चौक-चौराहों पर जलभराव हो गया था। निगम द्वारा बारिश से निपटने के दावे धरे रह गए थे। मंगलवार सुबह झमाझम बारिश हुई।
इस दौरान लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी जलभराव के कारण उठानी पड़ी। इस कारण हाइवे पर लंबा जाम लग रहा। एनआईटी और सेक्टरों को जोड़ने वाला ओल्ड फरीदाबाद अंडरपास, एनएचपीसी अंडरपास और लकड़पुर अंडरपास में पानी भरने से लोगों को रास्ता बदलने को मजबूर होना पड़ा।
हालांकि लकड़पुर अंडरपास में पानी कम नजर आया, जिससे यहां से लोग थोड़ी दिक्कतों के बीच निकल गए। ओल्ड फरीदाबाद अंडरपास का तो यह हाल था कि उसमें से निकलने की कोशिश में कई लोगों की गाड़ियां खराब हो गईं। बीच रोड पर खराब हुईं गाड़ियों से भी जाम बढ़ गया।
ऐसा ही हाल एनएचपीसी अंडरपास का नजर आया। शहर के अंदर कई इलाकों में पानी भरने से ज्यादातर लोग हाइवे का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में हाइवे पर भी जाम लगा। शहर के लोगों को इधर से उधर जाने के लिए जाम की समस्या का सामना करना पड़ा।
इसी कारण बड़खल और नीलम रेलवे ओवरब्रिज पर वाहनों की कतारें नजर आईं।फ्लड कंट्रोल सेल भी नहीं आया काम
बारिश के दिनों में शहर से तुरंत जलनिकासी की व्यवस्था को लेकर उपायुक्त जितेंद्र यादव ने सभी विभाग अधिकारियों की अपने कार्यालय में बैठक ली थी।
इसमें उन्होंने कहा था कि बारिश के दौरान पानी निकासी की व्यवस्था करना हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए सभी विभागों को मिलकर कार्य करना होगा। इसके लिए उन्होंने फ्लड कंट्रोल सेल का गठन किया।
शहर में इस कार्य के लिए 100 सिविल डिफेंस वालंटियर द्वारा पुलिस की मदद की बात कही गई थी। बैठक के दौरान पुलिस विभाग द्वारा प्रस्तुत की गई प्रजेंटेशन के आधार पर 25 ऐसे प्वाइंट चिह्नित किए गए हैं, जहां पर जलभराव की समस्या रहती है।
इन सभी स्थानों पर पुलिस के एसएचओ स्तर के अधिकारी और ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए। मंगलवार को हुई बारिश के बाद प्रशासन के दावे भी फेल हो गए।