फरीदाबाद में लोगों को सुविधाएँ मिलने से ज्यादा यहाँ हो रहे घोटालों की संख्या है। फरीदाबाद में आय दिन कोई ना कोई नये घोटाले देखने को मिल रहे हैं। और इनमें भी जो घोटाले बड़े स्तर पर हो रहे हैं केवल उन्हीं पर कार्यवाही की जाती है।
आपको बता दें हाल ही में हाईमास्ट लाइट घोटाला चर्चा में है इसके नये नये खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में हाईमास्ट लाइट घोटाले का खुलासा हुआ था।
दरअसल बात ये है कि ठेकेदार को 3 वॉडों में 21 लाइटें लगानी थी, लेकिन केवल 6 लाइटें ही इन वॉर्डों में लगाईं। एक शिकायतकर्ता जिनका नाम राम सिंह है उन्होंने मामले को उठाया और जांच शुरू हुई।
नगर निगम अधिकारियों ने दूसरी बार शिकायतकर्ता को सोमवार को बुलाया। शिकायतकर्ता ने बताया कि निगम अधिकारियों ने कहा था कि वह लाइट की लोकेशन दिखाएंगे कि उन्होंने कहां- कहां लाइटें लगाई, लेकिन नगर निगम अधिकारी काम दिखा नहीं पाए। शिकायतकर्ता ने बताया कि निगम के एसडीओ व जेई ने 11 लोकेशन पर ही हाईमास्ट लाइटें दिखाई
वह भी 3 वॉडों से बाहर की लाइट है। यानी वॉर्ड-1, 5 और 6 में जो लाइट लगानी थी, वह वॉर्ड नंबर-3 और 9 में भी लगी है, जबकि इसके लिए कोई साइट शिफ्टिंग का ऑर्डर नही लिया गया है।
सबसे बड़ी बात यह है कि नगर निगम ठेकेदार ने मार्च- 2019 में लाइट लगाने के लिए बिल नगर निगम में लगा दिया था, जबकि वॉर्ड-1 में दो लाइटें लगाने का काम जून-2019 में हुआ।
इससे साबित होता है कि बिना काम ठेकेदार को पेमेंट कर दी गई। शिकायतकर्ता ने बड़े घोटाले की आशंका जताई है। निगम अधिकारियों ने एक हफ्ते का समय और मांगा है। नगर निगम में हाईमास्ट लाइट के जांच अधिकारी एक्सईएन जीपी वधवा का फोन स्विच ऑफ मिला।
वहीं, एनआईटी विधानसभा के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। वहीं हाईमास्ट लाइट घोटाले को मैं खुद विधानसभा के आने वाले सत्र में उठाऊंगा।
ज़ाहिर सी बात है कि प्रशासन के नाक के नीचे इतने बड़े बड़े घोटाले हो रहे थे और किसी को इसके विषय में कोई जानकारी तक नहीं मिली।
प्रशासन को इसके लिए सतर्कता बरतनी होगी और इस घोटाले के अपराधियों को कड़ी सज़ा होना चाहिए। भविष्य में ऐसी गलती ना हों इस पर भी प्रशासन को ज़ोर देने की आवश्यकता है।