2022 के 6 महीने बीत चुके हैं और इस दौरान पर्दे पर कई फ़िल्में रिलीज हुईं। खास बात यह है कि इस बार ऐसी फ़िल्में भी आईं, जिनसे बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड धराशायी हुए। फिर चाहे विवेक रंजन अग्निहोत्री (Vivek Ranjan Agnihotri) के निर्देशन में बनी हिंदी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) हो, प्रशांत नील (Prashant Neell) डायरेक्टेड कन्नड़ फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर 2’ (KGF Chapter 2) हो या फिर लोकेश कनागराज के निर्देशन वाली कमल हासन स्टारर ‘विक्रम’ (Vikram)।
हिंदी फ़िल्में इस साल बाकी भाषाओं की फिल्मों से पीछे चल रही हैं। लेकिन बॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म भी है, जिसका रिकॉर्ड 47 साल बाद भी न कोई हिंदी फिल्म तोड़ पाई है और न ही साउथ इंडियन फिल्म। आज हम आपको उसी फिल्म के बारे में बता रहे हैं।
हम जिस हिंदी फिल्म की बात कर रहे हैं, उसका नाम है ‘जय संतोषी मां’, जो 15 अगस्त 1975 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इसी रोज़ बॉलीवुड की ही ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी और जया बच्चन स्टारर ‘शोले’ भी रिलीज हुई थी। कड़ी टक्कर के बावजूद ‘जय संतोषी मां’ बॉक्स ऑफिस पर कलेक्शन का तूफ़ान लेकर आई थी।
बताया जाता है कि विजय शर्मा के निर्देशन वाली ‘जय संतोषी मां’ का निर्माण लगभग 12 लाख रुपए में हुआ था। जबकि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तकरीबन 25 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था। अगर बजट के मुकाबले कलेक्शन को देखा जाए तो यह लगभग 208 गुना है।
हालांकि, कई रिपोर्ट्स में फिल्म का बजट 5 लाख रुपए और कलेक्शन 5 करोड़ रुपए बताया जाता है। अगर ऐसा भी है, तब भी फिल्म ने बजट से 100 गुना कमाई की थी। इंडियन फिल्मों के इतिहास में संभवतः किसी भी फिल्म ने इतना बड़ा रिटर्न नहीं दिया है।
खैर, एक रोचक तथ्य यह भी है कि फिल्म की थीम धार्मिक होने की वजह से लोग जूते-चप्पल बाहर उतारकर सिनेमाघर के अंदर जाते थे। ऐसे में एक पटना के एक आदमी ने सिनेमाघर के बाहर जूता-चप्पलों की हिफाजत के लिए एक स्टाल शुरू कर दिया।
लोग आते, अपने जूते-चप्पल वहां छोड़ते और जाते वक्त चवन्नी-अठन्नी उस आदमी को दे जाते। इस तरह फिल्म के पर्दे से उतरते-उतरते उस आदमी ने 1.70 लाख रुपए कमा लिए थे। यह खुलासा शेखर सुमन ने अपने शो ‘लाइट कैमरा एक्शन’ में किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, फिल्म 50 सप्ताह तक सिनेमाघरों में चलती रही थी।
खैर, फिल्म में संतोषी मां का रोल करने वाली अनिता गुहा का गेस्ट अपीयरेंस होने के बावजूद उन्हें इतनी पॉपुलैरिटी मिली थी कि लोग उनके घर जाकर उनसे आशीर्वाद लेने लगे थे।
दूसरा फैक्ट यह है कि फिल्म की रिलीज के बाद बॉलीवुड के अन्य फिल्ममेकर्स फिल्मों के पोस्टरों पर जय संतोषी मां लिखना शुरू कर दिया था। मायापुरी मैगजीन ने अपने एक आर्टिकल में लिखा था कि फिल्म की रिलीज के बाद मंदिरों में संतोषी माता के भक्तों की तादात बढ़ गई थी।
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