हरियाणा में डीएसपी की हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। पत्थरों की खन-खन में करोड़ों का कारोबार होता है।आपको बता दें कि पुलिस ने खनन माफिया के इस गिरोह का खुलासा किया था।
इसमें पाली गांव निवासी सोमवीर व चंद्रपाल नाम के चाय वाले को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि पत्थर चोरी में करोड़ों का मुनाफा होने का कारण अपराधी बड़े से बड़ा रिस्क लेने के लिए तैयार रहते हैं।
आरोपियों ने पूरे सिस्टम को हैक करने के लिए आरटीओ विभाग के अधिकारियों की गतिविधि पर नजर रख रखी थी। जैसे ही अधिकारी अपने कार्यालय से बाहर निकलते तो आरोपी के गुर्गे व्हाट्सएप ग्रुप पर सूचना भेज देते थे।
ग्रुप में ट्रांसपोर्टर, चालक व सरगना जुड़े होते थे। इस पूरे नेटवर्क में पुलिस से लेकर खनन विभाग और आरटीओ तक के अधिकारियों को मोटी रिश्वत दी जाती थी।
बार ऐसोसिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर ने कहा कि जिस तरीके से तावडू में एक जांबाज पुलिस अधिकारी डीएसपी सुरेंद्र सिंह की हत्या सरेआम कर दी गई, यह जघन्य अपराध दर्शाता है, कि अरावली को उजाड़ने वाले खनन माफियाओं के हौसले कितने बुलंद है।
उन्होंने कहा कि इस बारे में वह लगातार जनता को बताते रहे हैं। अरावली को उजाड़ने वाले अपने स्वार्थ के लिए पूरे एनसीआर के लोगों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं। यदि खनन माफिया इसी तरह सक्रिय रहे, तो आने वाले समय में एनसीआर के लोग शुद्ध हवा और मॉनसून की बारिश के लिए तरस जाएंगे।
पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने इसमें अभी तक तत्कालीन सूरज कुंड थाना प्राभारी सोहनपाल, पाली पुलिस चौकी प्रभारी, ग्रीन फील्ड चौकी प्रभारी सहित सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करा दी है।