लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल तक पहुंचने के बाद तिगांव में कार्रवाई की गई है। जिले के सबसे बड़े गांव तिगांव में अब विकास कार्य व समस्याओं के समाधान के लिए ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है।
सभी काम अब डयूटी मैजिस्ट्रेट की निगरानी में होंगे। शनिवार को क्षेत्र के विधायक राजेश नागर व डीसी जितेंद्र यादव ने अन्य अधिकारियों के साथ तिगांव का दौरा किया।
विधायक की मांग पर डीसी ने विकास कार्यों में ढील बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने की चेतावनी दे डाली।
वहीं तिगांव में विकास कार्यों के लिए नायब तहसीलदार को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिया। मामले में राजेश नागर ने बताया कि तिगांव में सड़कों की हालत खराब है, बरसाती पानी नालियों व गलियों में जमा रहता है।
इससे लोगों को समस्या होती है। डीसी जितेंद्र यादव ने संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया कि बुधवार तक गांव की नालियों को साफ किया जाए, जिससे बरसात के वक्त पानी निकल सके।
उन्होंने सभी सीवर लाइनों की कनेक्टिविटी को भी जांच कर जलभराव वाले स्थानों से कनेक्ट करने के आदेश दिए। जोहड़ों के कब्जे हटवाने के लिए बीडीपीओ की जिम्मेदारी लगाई।
डीसी ने सीवर के काम के बाद अधूरे पड़े गड्डों को लेकर एसडीओ, जेई, ठेकेदार को अल्टिमेटम देते हुए कहा कि एक सप्ताह के अंदर इलाके में गड्ढे नहीं भरे तो क्रिमिनल एक्ट के तहत जेल जाने के लिए तैयार रहें।
इस अवसर पर एसडीएम फरीदाबाद परमजीत चहल, ईएक्सईएन पीडब्ल्यूडी, एसडीओ पीडब्ल्यूडी, तेज सिंह अधाना, हरिचंद सरपंच, रामपाल अधाना, अमन नागर, दयानंद नागर और विक्रम नागर आदि मौजूद थे।
विधायक नागर ने 27 मार्च को तिगांव में आयोजित रैली में क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री मनोहर लाल से खुले मंच पर की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा था कि ऐसे अधिकारियों को अपने साथ ले जाएं। यहां स्थानीय लोग भी इलाके में विकास कार्य न होने से परेशान हैं।