फरीदाबाद में बहुचर्चित एनआईटी में होने वाले रामलीला के बारे में तो सभी को बखूबी पता ही है परंतु इस बार जो रामलीला होगी उसमें दर्शकों को कुछ अलग ही देखने को मिलेगा।
बता दें कि इससे पहले जो रामलीला किया जाता था उसमें उर्दू भाषा में संवाद किया जाता था परंतु कोरोना काल के कारण इस रामलीला को बंद कर दिया गया था ।
रामलीला 3 सालों तक बंद रही जिसके बाद से इसके ऊपर शोध किया गया शोध के पश्चात अब निष्कर्ष यह निकला है की रामलीला का जो भी संवाद होगा वह हिंदी भाषा में किया जाएगा।
सौरव कुमार जो की विजय रामलीला कमेटी के महासचिव और निदेशक व रामलीला में श्री राम का किरदार निभाने वाले है उन्होंने बताया कि यह संस्था वर्ष 1950 से चलता आ रहा है।
जब 1947 को भारत पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो फरीदाबाद में आए हुए लोग अपने धर्म को याद करके उसे बचाते हुए रामा ड्रामेटिक क्लब के नाम से 1950 में संस्था चालू कर दी तब से यह संस्थान हर दशहरा को राम लीला का आयोजन करता है।