HomeEducationअक्षिता गुप्ता आईएएस बनने से पहले डॉक्टर बनना चाहती थी फिर कुछ...

अक्षिता गुप्ता आईएएस बनने से पहले डॉक्टर बनना चाहती थी फिर कुछ ऐसा हुआ की क्लियर कर लिया यूपीएससी

Published on

यूपीएससी परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है जिसने हर साल लाखों लोग बड़ी उम्मीद से आवेदन करते है लेकिन सिर्फ 180 उम्मीदवार ही चुने जाते है। इसलिए सारे उम्मीदवार बड़ी लगन से मेहनत करते है। ऐसे ही एक चंडीगढ़ की बिटिया ने यूपीएससी पास की है लेकिन खास बात ये है ये यूपीएससी करने से पहले एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी जब ही इन्हें यूपीएससी करने का ख्याल आया और पहले अटेम्प्ट में बाजी मार ली।

चंडीगढ़ की अक्षिता गुप्ता ने पहले प्रयास में यूपीएससी पास की

अक्षिता गुप्ता आईएएस बनने से पहले डॉक्टर बनना चाहती थी फिर कुछ ऐसा हुआ की क्लियर कर लिया यूपीएससी

चंडीगढ़ के अंबाला जिले के बरारा शहर की रहने वाली डॉ. अक्षिता गुप्ता ने पहली ही बार में यह परीक्षा पास कर ली। फरवरी 2020 में उन्होंने एग्जाम दिया था और सफलता हासिल की।

डॉ. अक्षिता ने 69वा रैंक हासिल करके आईएएस के लिए चयनित हुई। अक्षिता के पिता पवन गुप्ता के सार्थक मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर 12ए पंचकूला के प्रिंसिपल है। और माता मांमीना गुप्ता राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामगढ़ पंचकूला में गणित की लेक्चरर हैं।

यूपीएससी से पहले डॉक्टर बनने का था सपना

अक्षिता गुप्ता आईएएस बनने से पहले डॉक्टर बनना चाहती थी फिर कुछ ऐसा हुआ की क्लियर कर लिया यूपीएससी

अक्षिता ने अपनी 10वीं की परीक्षा स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल जगाधरी से और गर्वनमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-33, चंडीगढ़ से मेडिकल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने बिना किसी खास कोचिंग के पढ़ाई के साथ-साथ नीट की तैयारी में भी जुटी रही।

2015 में ऑल इंडिया रैकिंग में अक्षिता ने 27वां स्थान पाकर अपने डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने के लिए पहला कदम बढ़ाया। उन्हें चंडीगढ़ के ही सेक्टर-32 के जीएमसीएच में MBBS की पढ़ाई करने का अवसर मिला।

आईएएस अधिकारियों से मिली यूपीएससी करने की प्रेरणा

अक्षिता गुप्ता आईएएस बनने से पहले डॉक्टर बनना चाहती थी फिर कुछ ऐसा हुआ की क्लियर कर लिया यूपीएससी

अक्षिता के पिता प्रिंसीपल पवन गुप्ता ने बताया कि शैक्षणिक कामों के लिए वह अक्सर कई IAS अधिकारियों से मिलते रहते थे और वह उनसे बहुत प्रभावित होते थे।

जब इन मिटिंग बारे वह घर में बात करते थे तो अक्षिता भी इससे बहुत प्रभावित होती थी और अक्षिता को भी कुछ आईएएस अधिकारियों से मिलने का मौका मिला जिनसे उसे बहुत प्रेरणा मिली। और उसने भी यूपीएससी करने का मन बना लिया और साकार कर दिखाया।

ऑल इंडिया 69वे रैंक से मां बाप के सपनो को किया साकार

अक्षिता गुप्ता आईएएस बनने से पहले डॉक्टर बनना चाहती थी फिर कुछ ऐसा हुआ की क्लियर कर लिया यूपीएससी

मार्च-2021 में अपनी मेडिकल इंटरशिप पूरी करने के दौरान देश में महामारी का प्रकोप था और तब यूपीएससी की परीक्षा टाल दी गई और यही वो समय था जो अक्षिता के लिए वरदान साबित हुआ।

महामारी के दौरान अक्षिता ने यूपीएससी की परीक्षा देने का मन बनाया और अपने दम पर ही मेडिकल साइंस से यूपीएससी की तैयारी करने लगी। अक्षिता ने पहली बार में ही अपनी मेहनत के दम पर 69वां स्थान पाकर खुद के व अपने माता-पिता के सपने को साकार करके दिखाया है ।

अक्षिता की सलाह युवा सोशल मीडिया से रहे दूर

अक्षिता गुप्ता आईएएस बनने से पहले डॉक्टर बनना चाहती थी फिर कुछ ऐसा हुआ की क्लियर कर लिया यूपीएससी

अक्षिता के पिता को अपनी बेटी पर गर्व है उनका कहना है की उनकी बेटी ने सरकारी स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है उसके बद्वीद भी आईएएस बनी। वो कई युवाओं के लिए एक रोल मॉडल बन गई है।

वही अक्षिता का कहना है की युवाओं को सोशल मीडिया पर समय व्यर्थ न करके अपने करियर पर ध्यान देना चाहिए जिससे सफलता हासिल हो पढ़ाई की चिंता न करे बस दिल से करने की ठाने और पढ़ाई को अपना दोस्त समझे। सफलता जरूर तुम्हारे कदम चूमेगी।

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...