भारत का अपना इतिहास यहां सदी के सबसे बड़े राजा और महान शासक यही पर रहे है भारतवर्ष पर बहुत साम्राज्यो ने कब्जा किया परंतु मेवाड़ वर्तमान में राजस्थान की रियास्तो में राजपुत राजाओं ने अपना अधिकार स्थापित कर हुआ था। जिन्होंने मुस्लिम शासकों के खिलाफ़ खड़े रहे और कई मुगल साम्राज्य के आगे झुक गए ऐसे ही एक किला जिसे जयगढ फोर्ट के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है जिसमे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खजाना लूटने के लिए खुदाई कराई थी।
बताया जाता है कि इंदिरा गांधी और जयपुर की महारानी गायत्री देवी के बीच अनबन होने के चलते खजाने को लूटने की नियत से जयपुर के जयगढ़ फोर्ट की खुदाई की गई थी।
गायत्री देवी कई महीनों तक तिहाड़ के जेल में कैद रहीं उनपे मुकदमे चलाए गए और वही सेना ने 5 महीने तक जयगढ़ फोर्ट की खुदाई की थी।
ऐसी मान्यता है कि 1580 ई. में अकबर के सेनापति मानसिंह ने अफगानिस्तान से लूटकर लाए गए खजाने को जयगढ़ में छिपा कर रखा था। कहते हैं आमेर के राजा मान सिंह ने 141 युद्धों से जितना धन लूटा था, उसे जयगढ़ फोर्ट में ही दबा दिया गया था।
मान सिंह को डर था कि कहीं अकबर सारे खजाने को उनसे छिन ना ले। इतना ही नहीं महाराज माधोसिंह ने अपने समय में प्रिंस अल्बर्ट को जयगढ़ किले में प्रवेश नहीं करने दिया था।
मानसिहं और अकबर के बीच एक संधि हुई थी, जिसके अनुसार राजा मानसिहं जिन इलाकों को जीतेंगे उस पर अकबर का राज होगा।
लेकिन वहां से मिले खजाने पर मानसिहं का हक होगा। जंग के दौरान लूटे खजाने को मानसिहं ने जयगढ़ फोर्ट में दफना कर रखा था।
इमरजेंसी के दौरान यह भी अफवाह फैली कि इंदिरा गांधी और संजय गांधी के इशारे पर सेना ने जयपुर के इलाके को सीज कर दिया और वही जयगढ़ फोर्ट से मिले खजाने को दिल्ली ले जाने के लिए ट्रक, हेलीकॉप्टर , भारतीय वायु सेना के जहाज आए हैं।
हम आपको बता दें कि उस दौरान सेना के आलाधिकारियों नें एक दो बार निरीक्षण के लिए जयगढ़ फोर्ट पर हेलिकॉप्टर्स से लैडिंग भी की थी।
अरबी पुस्तक ‘तिलिस्मात-ए-अम्बेरी’ में लिखा हुआ है कि जयगढ़ फोर्ट में सात टैंको के बीच सुरक्षित तरीके से खजाना छुपाया गया है।
शायद इसी आधार पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भुटटो ने 11 अगस्त 1976 को इंदिरा गांधी को एक पत्र लिखा जिसमें जयगढ़ फोर्ट से मिले खजाने में हिस्सेदारी की मांग की गई थी।
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