फरीदाबाद में 1 अक्टूबर से प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए ग्रैप को लागू कर दिया गया था। दशहरा के बाद से प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ गया था जिसके चलते AQI 200 के पार चली गई और ग्रैप का प्रथम चरण लागू कर दिया गया।
प्रथम चरण के लागू होने से कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं जिसमें जनरेटर, कोयले आदि पर पाबंदियां लगाई गई है। परंतु दशहरे के अगले दिन से ही बरसात शुरू हो गया तथा वायु का बहाव भी तेज हो गया।
जिसके चलते फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सुधर गई तथा AQI 100 से नीचे आ गया। जानकारी के लिए बता दे कि ग्रेप लागू हो जाता है ।
तो उसे वहां पर वायु गुणवत्ता के आधार पर कुछ चरणों में बांटा गया है जिसके बाद से जैसे-जैसे वायु में प्रदूषण बढ़ता जाएगा ग्रेप के चरण भी लागू कर दिये देंगे।
बता दे ग्रेप के अनुसार यदि वायु गुणवत्ता 201 से 300 के बीच में रहता है तो ग्रेप का प्रथम चरण लागू कर दिया जाएगा उसके बाद भी यदि प्रदूषण बढ़ा
और वायु गुणवत्ता 301 से 400 के बीच में यानी कि खराब श्रेणी में पहुंचा तो ग्रेप का दूसरा चरण भी लागू कर दिया जाएगा। इसमें रेस्तरां, खुले भोजनालय में तंदूर, कोयले तथा लकड़ी जलाने पर भी पाबंदियां की जाएंगी ।
इसके अलावा जरूरी सेवाओं के छोड़कर लकड़ी जलाने पर भी पाबंदियां लगाई जाएंगी। यदि इसके बाद भी वायु गुणवत्ता 401 से 450 के बीच में यानी गंभीर श्रेणी में आते हैं।
तो एनसीआर में सभी जगहों पर चल रहे तोड़फोड़ की गतिविधियों पर रोक लगा दी जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि अभी फिलहाल ग्रेप का प्रथम चरण लागू किया गया है ।
इसके लिए जिले के 18 विभागों को एडवाइजरी जारी की गई है विभागों को निर्देश दिए गए हैं की ग्रेप लागू होने पर किन बातों का ध्यान रखना है तथा क्या-क्या कार्य करनी है।
सभी विभागों से अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं जो कि अपने विभागों द्वारा ग्रेप के तहत जो भी कदम उठाए जा रहे हैं उनकी जानकारी जिला उपायुक्त कार्यालय के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तक भी सूचित करे।