सपा सरंक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। वे 82 साल के थे। मुलायम सिंह यादव को यूरिन संक्रमण, ब्लड प्रेशर की समस्या और सांस लेने में तकलीफ के चलते पिछले दिनों गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी तबीयत लगातार नाजुक बनी हुई थी। मुलायम सिंह यादव के भर्ती होने के बाद से अस्पताल में नेताओं के मिलने सिलसिला लगातार जारी था। रविवार को नेताजी का हाल जानने के लिए रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया मेदांता अस्पताल पहुंचे। वहीं इससे पहले आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अस्पताल पहुंचकर अखिलेश यादव से की मुलाकात थी।
इलाज कर रहे डाक्टरों का कहना था कि मुलायम सिंह की हालत 2 अक्टूबर से ही गंभीर बनी हुई थी। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, इसके साथ ही उन पर दवाई का भी असर नहीं हो रहा था। लगातार 9वें दिन लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे मुलायम सिंह यादव, लेकिन अंत में वो सबको छोड़ चल दिए।
22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई में जन्मे मुलायम ने करीब 6 दशक तक सक्रिय राजनीति में हिस्सा लिया। वो कई बार यूपी विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य रहे। इसके अलावा उन्होंने संसद के सदस्य के रूप में ग्यारहवीं, बारहवीं, तेरहवीं और पंद्रहवीं लोकसभा में हिस्सा भी लिया।
मुलायम सिंह यादव 1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996 में कुल 8 बार विधानसभा के सदस्य बने। इसके अलावा वह 1982 से 1985 तक यूपी विधानसभा के सदस्य भी रहे।
मुलायम सिंह यादव ने तीन बार यूपी के सीएम के रूप में काम किया। वो पहली बार 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991, दूसरी बार 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और तीसरी बार 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के सीएम रहे।
इन कार्यकालों के अलावा उन्होंने 1996 में एचडी देवगौड़ा की संयुक्त गठबंधन वाली सरकार में रक्षामंत्री के रूप में भी काम किया। अपने सर्वस्पर्शी रिश्तों के कारण मुलायम सिंह को नेताजी की उपाधि भी दी जाती थी। मुलायम को उन नेताओं में जाना जाता था, जो यूपी और देश की राजनीति की नब्ज समझते थे और सभी दलों के लिए सम्मानित भी थे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर दुख जताया। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “मुलायम सिंह यादव जी एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे।
उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ. लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। मुलायम सिंह यादव जी ने यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। वह आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सैनिक थे।
रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने एक मजबूत भारत के लिए काम किया। उनके संसदीय हस्तक्षेप व्यावहारिक और राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने पर जोर देते थे।“पीएम मोदी ने आगे ट्वीट करते हुए लिखा, “जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया।
तब मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बातचीत हुई। घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक था। उनका निधन मुझे पीड़ा देता है। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।”
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