जम्मू कश्मीर के एक दंपति ने सभी दंपतियों के सामने एक मिसाल पेश की है कि कैसे हर स्तिथि में एक दूसरे का साथ देकर हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। जम्मू कश्मीर के इस जोड़े ने घर चलाने के लिए ढाबा खोला लेकिन ढाबा इनका मारुति ऑल्टो है। इसी कार में ये ढाबा चलता है। लेकिन क्या है इसके पीछे की कहानी इस लेख में जान लीजिए।
कठुआ जिले के बिलावर इलाके की रहने वाली ममता शर्मा जम्मू के बिक्रम चौकी इलाके में अपने दो बच्चों और पति के साथ रोज ढाबे के लिए तैयार होती हैं। जम्मू कश्मीर के इस दंपति ने अपनी ऑल्टो कार में ‘विष्णु ढाबा’ शुरू किया।
जो पिछले डेढ़ महीने में टॉप शेर खानियां इलाके में काफी लोकप्रिय हो गया है और हर दिन दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक खुलता है। लेकिन जब इस ढाबे की शुरुआत हुई तब ये सिर्फ 100 रुपए प्रतिदिन कमा पाते थे लेकिन इन्होंने हार नही मानी जिसी का नतीजा है की आज ये सफल हुए।
महिला के पति एक योजना के तहत पॉलिटेक्निक कॉलेज में दिहाड़ी पर 7000 प्रति माह वेतन पर काम करता थे, लेकिन कुछ दिन बाद नौकरी छूट गई। शर्मा ने कहा, नौकरी छूटने के बाद मेरे पति पर मुसीबत आ गई, बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई। मकान का किराया देना मुश्किल था।
उन्होंने कहा, कठिनाईयों को बढ़ता देख मैंने अपने पति से कहा कि मैं स्वादिष्ट खाना बना सकती हूं, क्यों न एक साथ ढाबा खोला जाए। मैंने इसके लिए उपयुक्त जगह की तलाश शुरू की, लेकिन शिकायतों की अधिक संख्या के कारण यह संभव नहीं था। फिर मेरे दिमाग में एक ऑल्टो कार इस्तेमाल करने का आइडिया आया और यह आइडिया काफी अच्छा साबित हुआ।
ममता शर्मा ने बताया, शुरूआत में मैं मुश्किल से 100 रुपये रोज कमा पाती थी, फिर एक दिन लोग उस कार पर आने लगे जिसे हम एक पेड़ के नीचे पार्क करते थे। शुक्र है कि आज दोपहर 12 से 4 बजे लोग मेरे यहां भोजन के लिए आते हैं, जिससे मेरे घर का भी पेट पल रहा है। भोजन में ‘राजमा’, ‘चना दाल’, ‘छोले दाल’, ‘कड़ी’, ‘अंबल’ और ‘चावल’, अचार और करी शामिल हैं।
एक फुल प्लेट की कीमत 50 रुपये और हाफ प्लेट की कीमत 30 रुपये है। उनके पति नीरज शर्मा ने कहा कि यहां खाने की सबसे अच्छी बात यह है कि यह घर पर बना खाना है। हमारे अंदर काम करने का जुनून होना चाहिए। हम सम्मान, धन कहीं भी कमा सकते हैं। भगवान का शुक्र है, हमने कोशिश की।