क्या है नेपाल के भगवान विष्णु के बुदानिकंथा मंदिर का रहस्य, जहां नेपाल का राजा जाने से डरता

0
1000
 क्या है नेपाल के भगवान विष्णु के बुदानिकंथा मंदिर का रहस्य, जहां नेपाल का राजा जाने से डरता

भारत और नेपाल का नाता युगों पुराना रहा है। नेपाल के नागरिक भारत के मंदिरों में दर्शन के लिए आते रहे हैं और भारतीय नागरिक भी यहां के मंदिरों में दर्शन के लिए जाते रहे हैं। आपको बता दे, भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी एक ऐसा ही मंदिर है जो अपने रहस्य के लिए लोकप्रिय है।

इस मंदिर में आम नागरिक तो पूजा कर सकता है परंतु नेपाल का राजपरिवार इस मंदिर में पूजा नहीं कर सकता है। यदि ऐसा वो करते हैं तो उनकी मौत हो जाती है। आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में..

नेपाल बुदानिकंथा है रहस्यमय

क्या है नेपाल के भगवान विष्णु के बुदानिकंथा मंदिर का रहस्य, जहां नेपाल का राजा जाने से डरता

आज हम जिस प्रसिद्ध मंदिर की बात करने जा रहे हैं वह नेपाल की राजधानी काठमांडू से 8 किमी दूर शिवपुरी पहाड़ी के बीच स्थित भगवान विष्णु का मंदिर है। बुदानिकंथा नाम का ये मंदिर अपनी सुंदरता और चमत्कार के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

पूजा करने से राज परिवार की हो जायेगी मौत

क्या है नेपाल के भगवान विष्णु के बुदानिकंथा मंदिर का रहस्य, जहां नेपाल का राजा जाने से डरता

इस मंदिर को नेपाल के राज परिवार के लिए शापित माना जाता है। राजपरिवार के लोग शाप के डर कारण ही बुदानिकंथा मंदिर में भगवान विष्णु के दर्शन के लिए नहीं जाते हैं। बताया जाता है कि राज परिवार का जो भी सदस्य इस मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति के दर्शन करेगा उसकी मौत हो जाएगी। यहीं कारण है कि राज परिवार को कोई भी व्यक्ति इस मंदिर में पूजा नहीं करता है।

राज परिवार के लिए स्थपित है विष्णु का दूसरा प्रारूप

क्या है नेपाल के भगवान विष्णु के बुदानिकंथा मंदिर का रहस्य, जहां नेपाल का राजा जाने से डरता

राज पर‍िवार को म‍िले शाप के चलते बुदानिकंथा मंदिर में तो राज पर‍िवार का कोई सदस्‍य नहीं जाता। लेकिन मंदिर में स्‍थाप‍ित भगवान व‍िष्‍णु की मूर्ति का ही एक प्रत‍िरूप तैयार क‍िया गया। ताकि राज पर‍िवार के लोग इस मूर्ति की पूजा कर सकें इसके ल‍िए ही यह प्रत‍िकृति तैयार की गई।

11 नागों के ऊपर सोती है विष्णु की मूर्ति

क्या है नेपाल के भगवान विष्णु के बुदानिकंथा मंदिर का रहस्य, जहां नेपाल का राजा जाने से डरता

बुदानिकंथा में श्रीहर‍ि एक प्राकृतिक पानी के सोते के ऊपर 11 नागों की सर्पिलाकार कुंडली में विराजमान हैं। कथा म‍िलती है क‍ि एक किसान द्वारा काम करते समय यह मूर्ति प्राप्त हुई थी। इस मूर्ति की लंबाई 5 मीटर है। जिस तालाब में मूर्ति स्‍थाप‍ित है उसकी लंबाई 13 मीटर है। मूर्ति में व‍िष्‍णु जी के पैर एक-दूसरे के ऊपर रखे हुए हैं। वहीं नागों के 11 स‍िर भगवान विष्णु के छत्र बनकर स्थित हैं।

इस मंदिर में शिव की प्रतिमा भी है स्थापित

इस मंदिर में केवल भगवान विष्णु की ही नहीं, बल्कि भगवान शंकर की भी प्रतिमा स्थापित है। पौराणिक कथा के मुताबिक, समुद्र मंथन के दौरान जब विष निकला था, तब भगवान शिव ने इस सृष्टि को बचाने के लिए विष को पी लिया था।

क्या है नेपाल के भगवान विष्णु के बुदानिकंथा मंदिर का रहस्य, जहां नेपाल का राजा जाने से डरता

इसके बाद भगवान शिव के गले में जलन होने लगी, तो उन्होंने इस जलन को नष्ट करने के लिए पहाड़ पर त्रिशूल से वार कर पानी निकाला और इसी पानी को पीकर उन्होंने अपनी प्यास बुझाई थी और गले की जलन को नष्ट किया था।

अगस्त माह मनाया जाता है शिव महोत्सव

क्या है नेपाल के भगवान विष्णु के बुदानिकंथा मंदिर का रहस्य, जहां नेपाल का राजा जाने से डरता

शिव जी के त्रिशूल की वार से निकला पानी एक झील बन गया अब इसी झील को कलयुग में गोसाईकुंड कहते हैं। बुदानीकंथा मंदिर में स्थित तालाब के पानी स्त्रोत यह कुंड ही है। अगस्त माह में इस मंदिर में हर साल शिव महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है। कहा जाता है कि इस दौरान इस झील के नीचे भगवान शिव की छवि दिखाई देती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here