इस साल 23 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जायेगा। धनतेरस के दिन सौभाग्य और सुख की वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है। आज के दिन शाम को परिवार की मंगलकामना के लिए यम नाम का दीपक जलाया जाता है। लक्ष्मी-कुबेर की पूजा के दौरान कई सावधानियां बरती जाती हैं। आइए जानते हैं इस दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए और कौन सी गलती भूल भी नही करनी चाहिए।
धनतेरस का इतिहास
धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी इस दिन का विशेष महत्व है। शास्त्रों में कहा है कि जिन परिवारों में धनतेरस के दिन यमराज के निमित्त दीपदान किया जाता है। वहां अकाल मृत्यु नहीं होती। घरों में दीपावली की सजावट भी इसी दिन से प्रारम्भ होती है।
इस दिन घरों को लीप-पोतकर, चौक, रंगोली बना सायंकाल के समय दीपक जलाकर लक्ष्मी जी का आवाहन किया जाता है। इस दिन पुराने बर्तनों को बदलना व नए बर्तन खरीदना शुभ माना गया है। लेकिन आज जान उन गलतियों को जिसे करने से छा जाएगी कंगाली।
उधार देने और लेने से बचे
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि धनतेरस का दिन समृद्धि का दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन उधार देने और लेने, दोनों को ही अशुभ माना जाता है क्योंकि न तो उधार देने वाला फल फूल पाता है और न ही लेने वाला। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं।
ऐसे में व्यक्ति को तमाम आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ती है। घर में हमेशा धन अपर्याप्त रहता है जिसके कारण परिवार में अन्य परेशानियां भी उत्पन्न हो जाती हैं। इसलिए धनतेरस पर उधार देने और लेने का काम कभी नहीं करना चाहिए।
भूलकर भी न खरीदे ये चीजें
धनतेरस के दिन कुछ लोग स्टील के बर्तन खरीदकर लाते हैं, लेकिन ज्योतिषाचार्य का कहना है कि स्टील के बर्तनों को नहीं खरीदना चाहिए क्योंकि इसमें भी लोहे का ही अंश होता है। लोहे का संबन्ध शनि से होता है।
अगर आपको बर्तन खरीदने ही हैं, तो पीतल के बर्तन लें। साथ ही बर्तन को चावल या किसी मीठी चीज से भरकर घर में लेकर आएं। ऐसा करने से परिवार में समृद्धि आती है।
इसके अलावा धनतेरस के दिन चाकू, कैंची आदि नुकीली वस्तु, कांच के बर्तन, तांबा, चमड़ा या फिर कोई काले रंग की वस्तु भी नहीं नहीं खरीदना चाहिए। माना जाता है कि इस शुभ दिन पर इन चीजों को खरीदने से परिवार में परेशानियां और क्लेश बढ़ता है है। रिवारिक संबन्ध खराब होते हैं।