Categories: IndiaReligionSpecial

मंदिर नही सोने का खजाना है कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिर, जानिए क्या है इस मंदिर की खासियत

भारत में कई इए मंदिर मौजूद हैं जिनसे कई चौंकाने वाले रहस्य जुड़े हुए हैं। लेकिन महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित 1800 साल पुराने महालक्ष्मी मंदिर के बारे में एक ऐसा दावा किया जाता है जिसे अभी तक विज्ञान भी चैलेंज नहीं कर पाया है। इस मंदिर की चारों दिशाओं में एक-एक दरवाज़ा मौजूद है और मंदिर प्रशासन का दावा है कि मंदिर में ठीक-ठीक कितने खंभे मौजूद हैं इसे आज तक कोई नहीं गिन पाया।

आइए जानते है इस मंदिर के बारे में पूरी जानकारी..

हजारों साल पुराना है ये मंदिर

मंदिर के बाहर मौजूद एक शिलालेख और इतिहासकारों के मुताबिक ये मंदिर 1800 साल पुराना है। लोगों की मान्यता के मुताबिक शालि वाहन घराने के राजा कर्णदेव ने इसका निर्माण करवाया था।

बाद में जब ये मंदिर खूब प्रसिद्द हो गया तो इसके आंगन में करीब 35 और छोटे-छोटे मंदिरों का निर्माण कराया गया। करीब 27 हजार वर्गफुट में फैला यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में शुमार है। बता दें कि आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर में देवी महालक्ष्मी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की थी।

इस मंदिर के नक्काशियों वाले खंभे खूब प्रसिद्द हैं लेकिन कहा जाता है कि इन्हें आज तक कोई भी नहीं गिन पाया। मंदिर प्रशासन का कहना है कि कई बार लोगों ने इन्हें गिनने की कोशिश की लेकिन जिसने भी ऐसा किया उसके साथ अनहोनी घटना देखने को मिली।

क्या है मंदिर की खासियत

आपको बता दें कि इस मंदिर में बेशकीमती खजाना छिपा है। तीन साल पहले जब इसे खोला गया तो यहां सोने, चांदी और हीरों के ऐसे आभूषण सामने आए जिसकी बाजार में कीमत अरबों रुपए में हैं।

आपको बता दे, खजाने में सोने की बड़ी गदा, सोने के सिक्कों का हार, सोने की जंजीर, चांदी की तलवार, महालक्ष्मी का स्वर्ण मुकुट, श्रीयंत्र, हार, सोने की चिड़िया, सोने के घुंघरू, हीरों की कई मालाएं, मुगल आदिल शाही, पेशवा काल के जेवरात मिले थे।

इतिहासकारों के मुताबिक, कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर में कोंकण के राजाओं, चालुक्य राजाओं, आदिल शाह, शिवाजी और उनकी मां जीजाबाई तक ने चढ़ावा चढ़ाया है।

आपको बता दे, मंदिर की सुरक्षा पुख्ता कर सीसीटीवी कैमरों की जद में इस खजाने की गिनती पूरे 10 दिन तक चली थी। वही खजाने की गिनती के बाद आभूषणों का बीमा करवाया गया था। इससे पहले मंदिर के खजाने को 1962 में खोला गया था।

क्या है मंदिर की मान्यता

सदियों से कहा जाता है कि देवी सती के तीनों नेत्र यहां गिरे थे। यहां भगवती महालक्ष्मी का निवास माना जाता है। मंदिर की एक रोचकता यह है कि साल में एक बार सूर्य की किरणें देवी की प्रतिमा पर सीधे पड़ती हैं। मंदिर में बड़े पत्थरों को जोड़कर तैयार मंदिर की जुड़ाई बगैर चूने के की गई है। मंदिर में श्री महालक्ष्मी की तीन फुट ऊंची, चतुर्भुज मूर्ति है।

ऐसा कहा जाता है कि तिरुपति यानी भगवान विष्णु से रूठकर उनकी पत्नी महालक्ष्मी कोल्हापुर आईं थी। इस वजह से आज भी तिरुपति देवस्थान से आया शाल उन्हें दीपावली के दिन पहनाया जाता है। कोल्हापुर की श्री महालक्ष्मी को करवीर निवासी ‘अंबाबाई’ के नाम से भी जाना जाता है। यहां दीपावली की रात महाआरती में मांगी मुराद पूरी होने की जन-मान्यता है।

PEHCHAN FARIDABAD

Recent Posts

एचिस्टा 2K24: संगीत, कला और प्रतियोगिता से भरपूर दूसरा दिन

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…

4 days ago

एचिस्टा 2K24: ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवाचार, संस्कृति और रचनात्मकता का शानदार समापन

एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…

4 days ago

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

1 week ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

3 weeks ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

2 months ago

भाजपा को पूरी ताकत से लाओ, क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम मेरा : ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा प्रत्याशी विपुल गोयल

भारतीय जनता पार्टी के फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने…

2 months ago