World Youth Day के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन 21वीं सदी के युवाओं को समर्पित है, आज स्किल युवाओं की सबसे बड़ी ताकत है । बदलते हुए तरीकों ने स्किल को बदल दिया है, आज हमारे युवा कई नई बातों को अपना रहे हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि कोरोना के इस संकट ने World- Culture के साथ ही Nature of Job को भी बदलकर के रख दिया है । बदलती हुई नित्य नूतन Technology ने भी उस पर प्रभाव पैदा किया है ।छोटी-छोटी स्किल ही आत्मनिर्भर भारत की शक्ति बनेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विश्व युवा कौशल दिवस पर युवाओं को संबोधित किया. कोरोना महामारी में जॉब के बदलते नेचर पर बात करते हुए पीएम मोदी ने युवाओं को हर दिन नया स्किल सीखने का संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा कि आज के दौर में प्रासंगिक (रिलेवेंस) होने का सीधा अर्थ है- स्किल, री-स्किल और अपस्किल. इस आपको एक साथ बढ़ाना होगा । यही वक्त की मांग है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन 21वीं सदी के युवाओं को समर्पित है, आज स्किल युवाओं की सबसे बड़ी ताकत है. बदलते हुए तरीकों ने स्किल को बदल दिया है, आज हमारे युवा कई नई बातों को अपना रहे हैं ।छोटी-छोटी स्किल ही आत्मनिर्भर भारत की शक्ति बनेंगी
पीएम मोदी के भाषण की 10 खास बातें:-
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट में लोग पूछते हैं कि आखिर आज के इस दौर में कैसे आगे चला जाए । इसका एक ही मंत्र है कि आप स्किल को मजबूत बनाएं । अब आपको हमेशा कोई नया हुनर सीखना होगा ।
अगर स्किल को सीखते रहेंगे तो जीवन में उत्साह बनेगा । कोई किसी भी उम्र में स्किल सीख सकता है । हर किसी में अपनी एक क्षमता होती है, जो दूसरों से आपको अलग बनाती है ।
पीएम ने कहा कि हर सफल व्यक्ति को अपने स्किल को सुधारने का मौका सीखना चाहिए, अगर कुछ नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है । इसलिए हर किसी को लगातार अपने स्किल में बदलाव करना होगा, यही समय की मांग है।
युवाओं से मोदी ने कहा कि किताबों में पढ़कर या वीडियो देखकर आप साइकिल चलाने की प्रक्रिया जान सकते हैं, लेकिन ये सिर्फ ज्ञान है । अगर सच्चाई में आपको साइकिल चलानी है तो वहां स्किल चाहिए । आज भारत में ज्ञान और स्किल में अंतर को समझते हुए काम किया जा रहा है ।
मोदी ने कहा कि आज दुनिया में हेल्थ सेक्टर में कई तरह के द्वार खुल रहे हैं । देश में अब श्रमिकों की मैपिंग का काम शुरू किया गया है, जिससे लोगों को आसानी होगी । पीएम ने कहा कि छोटी-छोटी स्किल ही आत्मनिर्भर भारत की शक्ति बनेंगी ।
उन्होंने कहा कि कोरोना के इस संकट ने वर्ल्ड कल्चर के साथ ही जॉब का नेचर भी बदल गया है. बदलती हुई नई टेक्नोलॉजी ने भी उस पर प्रभाव पैदा किया है. ऐसे में हमें टेक्नोलॉजी को अच्छी तरह समझके उसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाना होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक सफल शख्स अपनी स्किल बढ़ाने का मौका जाने नहीं देता. हमेशा कुछ नया सीखता है. स्किल जीने की ताकत देती है, जो हमेशा काम आती है.
उन्होंने कहा- ‘स्किल सिर्फ रोजी-रोटी और पैसे कमाने का जरिया नहीं है. जिंदगी में उमंग चाहिए, उत्साह चाहिए, जीने की जिद चाहिए, तो स्किल हमारी ड्राइविंग फोर्स बनती है, हमारे लिए नई प्रेरणा लेकर आती है.’
पीएम मोदी ने खुद से जुड़ा एक किस्सा बताया कि कैसे एक कार मकेनिक ने छोटे से काम के 20 रुपये मांगे. उन्होंने सवाल पूछा कि दो मिनट का बीस रुपये क्यों लिए. इसपर मकेनिक ने कहा कि 20 रुपये उन 2 मिनट के नहीं, बल्कि इतने सालों से काम का जो अनुभव लिया है उसके लिए हैं ।
आखिर में पीएम मोदी ने कहा कि लोग स्वस्थ्य रहें, दो गज की दूरी बनाएं रखें । मास्क पहनें, थूकने की आदत छोड़ें. उन्होंने कहा कि कितने भी पढ़-लिख जाएं, डिग्रियां ले लें, लेकिन स्किल सीखना नहीं छोड़ना चाहिए।
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