नगर निगम शहरवासियों की मनमानी के सामने बोनी नजर आ रही है। दरअसल ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि नगर निगम की नाक नीचे वैध पानी सीवर के कनेक्शन से ज्यादा अवैध पानी सीवर के कनेक्शन है। इसका मतलब हुआ शहर की आधी से ज्यादा आबादी फ्री का पानी पीती है। वही आपको बता दे पिछले 5 से 6 सालों में बाक्यदारो से पैसों की वसूली नही की गई है।
नगर निगम का ढीला रवैया
गौरतलब है आर्थिक तंगी की बात करने वाला नगर निगम अब राजस्व वसूली को गंभीरता से नहीं ले रहा। आपको बता दे, कई वर्षो से पानी सीवर का लगभग 60 करोड़ शुल्क बकाया है जिसकी वसूली नगर निगम से नही हो पा रही है। नगर निगम इतने बड़े राजस्व को वसूलने में नाकामियाब नजर आ रहा है।
आधे से ज्यादा कनेक्शन पीते है मुफ्त पानी
दरअसल नगर निगम ने कई सालों पहले प्राइवेट संस्थान से संपत्ति कर सर्वे कराया था। सर्वे के मुताबिक रिहायशी, औद्योगिक और वाणिज्यिक संस्थानों सहित लगभग छह लाख यूनिट हैं, जो संपत्ति कर के दायरे में आती हैं।
निगम अधिकारी मानते हैं कि लगभग इतनी ही यूनिट पानी का प्रयोग कर रही हैं। वही बात करे सीवर पानी के वैध कनेक्शन के ब्योरा की तो लगभग 2.75 लाख वैध है और वही 3 लाख के आसपास अवैध कनेक्शन है।
अवैध कनेक्शन की शिकायत दर्ज लेकिन कोई सुनवाई नहीं
सैनिक कालोनी के निवासियों ने कई बार शिकायत किए है कि मोड़ के आसपास बसी नेहरू कालोनी में कई लोगों ने अवैध रूप से पानी कनेक्शन लिए हुए हैं। सैनिक कालोनी के लोगों ने इस बारे में कई बार नगर निगम में शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अवैध कनेक्शन के कारण पानी में कटौती से परेशान जनता
सैनिक कालोनी में बौद्ध विहार बूस्टिंग स्टेशन से रेनीवेल का पानी जाता है। बीच रास्ते में बहुत से लोगों ने अवैध रूप से कनेक्शन लिए हैं। इससे सैनिक कालोनी में कई जगह कम मात्रा में पानी के पहुंचने पर लोगों ने शिकायत भी की।