ओ३म् योग संस्थान ट्रस्ट के 24वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष में दिनांक 14 नवंबर को 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ, चतुर्वेद शतकम महायज्ञ व सवा लाख गायत्री मंत्र आहुतियों का आयोजन श्रद्धेय योगीराज जी के पावन सानिध्य में आरम्भ हुआ। यज्ञ का कार्यक्रम दोपहर 2:30 से प्रारंभ हुआ। जिसमें आज बाबा गोस्वामी श्री श्यामलाल जी महाराज ( गद्दीनशीं श्री लाल जी कुटिया साहिब, फरीदाबाद) का आगमन हुआ।
उन्होंने बताया की आज इस स्थान पर आकर ऐसा लग रहा है की जैसे किसी देवलोक में आगमन हो गया हो। उपस्थिति सभी संगत को सौभाग्यशाली बताते हुए महाराज जी ने कहा की ऐसे स्थान ही तीर्थ होते हैं जहां आकर हम सब कुसंग से दूर होकर सत्संग में आकर अपने चित्त को सरल बनाते हैं ।
योगिराज जी जिस धर्म की सेवा कर रहे हैं वह अपने आप में सभी प्रकार से तन मन धन चित्त अहंकार बुद्धि को सहज ही पावन बनाकर मोक्ष प्रदाता बन जाता है। यज्ञ में सम्मिलित हुए यजमानों ने आहूतियां प्रदान करी। विश्व के कल्याण की भावना, प्राणी मात्र के कल्याण की भावना निहित रखते हुए यज्ञ प्रार्थना की गई।
श्री योगिराज ओमप्रकाश महाराज जी ने कहा की यदि किसी भी समय हमारा आत्मविश्वास कम हो जाता है तो हमको ऊर्जा के मुख्य स्त्रोत, उस ईश्वर में अपना ध्यान लगाकर पुनः ऊर्जा से भरपूर बन जाना चाहिए। उन्होंने बताया की यह अनुष्ठान हमारे जीवन को उत्तम बनाने का अवसर है।
जीवन सदा सुख से भरा नही रहता, इसमें दुख भी आते हैं, परन्तु यदि हम उस ईश्वर के समर्पण में रहते हुए जीना सीख लेंगे तो हमको सुख और दुख दोनो में संतुलन बनाना आ जायेगा । ध्यान एवं योग यही सिखाता है। हवन के बाद रामबीर आर्य प्रभाकर व सतबीर आर्य ने प्रभु भक्ति के गीत गाकर सबको सत्संग कीर्तन का आनन्द दिया।
हवन में वैद्य मलय यज्ञिक, डा राशि, स्वामी ऋषिपाल, श्रद्धा राम, जगदीश भड़ाना, चरण भड़ाना, जगदीश आदि यजमान बने। हवन के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया।
डा सन्दीप योगाचार्य (महामंत्री)
ओम योग संस्थान ट्रस्ट, पाली, फ़रीदाबाद
9891332326