यज्ञ से मिलता है – देवपूजा, संगतिकरण और दान
ओ३म् योग संस्थान ट्रस्ट के 24वें वार्षिकोत्सव के उपलक्ष में तीसरे दिन दिनांक 15 नवंबर को गायत्री महायज्ञ, चतुर्वेद शतकम महायज्ञ व गायत्री मंत्र आहुतियों का आयोजन श्रद्धेय योगीराज ओमप्रकाश महाराज जी के पावन सानिध्य में हुआ। श्रद्धेय योगीराज एवं वैद्य मलय याज्ञिक ने वेद मंत्रों का पाठ किया। यज्ञ का कार्यक्रम दोपहर 2:30 से प्रारंभ हुआ।
जिसमें आज हवन के आरंभ में ईश्वरस्तुति प्रार्थना उपासना मंत्रों का उच्चारण किया गया और सभी यज्ञ में सम्मिलित हुए यजमानों ने आहूतियां प्रदान करी। विश्व के कल्याण की भावना, प्राणी मात्र के कल्याण की भावना निहित रखते हुए यज्ञ प्रार्थना की गई।
श्री योगिराज ओमप्रकाश महाराज जी ने हवन समाप्ति के बाद सत्संग करते हुए अपने व्याख्यान में कहा की हम सभी के जीवन में ईश्वरीय कृपा हमेशा ही प्राप्त होती रहती है। किंतु यह हमारी कमजोरी है कि हम उस कृपा को देख नही पाते या समझ नही पाते।
इसके लिए हमारा विवेक, बुद्धि ही पूर्ण रूप से जिम्मेदार होता है। उस ईश्वर की कृपा पाने का सबसे अच्छा उपाय है ईश्वर के पास बैठना, उसकी उप + आसना करना अर्थात उसकी उपासना करना। यज्ञ से हमको तीन चीजों की प्राप्ति होती है।
1, देवपूजा, 2,संगतीकरण, 3, दान
यज्ञ, योग व साधना हमारे जीवन में आमूल चूल परिवर्तन कर सकती हैं। जिस प्रकार हमारे भौतिक शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार यज्ञ योग साधना ध्यान सत्संग हमारी आत्मा का भोजन है और हम अपनी आत्मा के भोजन से अज्ञानतावश उसको दूर रखते हैं।
यदि हम सभी वेदो की ओर चलेंगे तो अंधकार से उजाले की ओर का सुंदर और आध्यात्मिक मार्ग हमको दिखाई देगा।
अतः वेद ज्ञान की ओढ़ चादरिया,
छोड़ कपट चल प्रेम डागरिया ,
झट कुसंग को त्याग, अमृत बरस रहा .. कहते हुए सभी को इस पावन हवन सत्संग कार्यक्रम में आने का निमंत्रण भी दिया। इसके बाद महाशय धनीराम बेधड़क और मा० शक्ति सिंह जी ने ईश्वर भक्ति भजन गाए।
हवन में वैद्य मलय याज्ञिक, महाशय धनीराम बेधड़क, स्वामी ऋषिपाल, नरेंद्र सिंह, मा० शक्ति सिंह, सतबीर आर्य, सरदाराम, जगदीश भड़ाना, चरण सिंह भड़ाना, जगदीश , मंजू यादव, कमलेश, चन्द्रवती आदि यजमान बने। हवन के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया।
डा सन्दीप योगाचार्य (महामंत्री)
ओम योग संस्थान ट्रस्ट, पाली, फ़रीदाबाद
9891332326