फरीदाबद वासियों के लिए आई खुशखबरी अरावली की वादियों में सूखी पड़ी बड़खल झील में पानी भरने का काम शुरू हो गया है। कयास लगाई जा रही है कि अगले साल सितंबर तक इसमें पूरी तरह पानी भर जाएगा। सीवर शोधन संयंत्र (एसटीपी) से साफ होने वाला 10 एमएलडी पानी रोजाना झील में भरा जाएगा। 6 मीटर की गहराई तक पानी करीब 300 दिनों में झील मे भर दिया जाएगा।
बड़खल झील सुधारने की तैयारियां
सेक्टर 21ए में निर्माण किया जा रहा जिससे एसटीपी के पानी से झील को भरा जाना है। निर्माण अंतिम चरण में पहुंच चुका है। जनवरी तक इसे शुरू करने की तैयारी है। यहां रोजाना 10 एमएलडी पानी पां बीओडी मात्रा तक साफ किया जाएगा। जिसे पाइप की सहायता से झील में भरा जाएगा।
दो दशक पहले तक दिल्ली एनसीआर का आकर्षण केंद्र था झील
दो दशक पहले पानी से भरी रहने वाली बड़खल झील रोजाना साफ करके और पाइप की सहायता से झील में भरा जाएगा। पानी से भरा रहने वाला बड़खल झील भूजल दोहन के कारण करीब दो दशक पहले से अपने प्राकृतिक निखार को खो चुकी है। सूखी पड़ी झील एक समय में दिल्ली-एनसीआर के लोगों का पसंदीदा पर्यटन स्थल थी।
2015 से बड़खल झील की सौंदर्यकरण पर विचार
विधायक सीमा त्रिखा के ड्रीम प्रोजेक्ट बड़खल झील को 7 जून 2015 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की घोषणा की। इसके बाद यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी में शामिल कर लिया गया था। साल 2018 में झील के जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया स्मार्ट सिटी की ओर से बड़खल झील तक पाइप बिछा दी गई है।
हर रोज झील तक पानी पहुंचाया जाएगा
सेक्टर 21ए में 90 फीसदी तक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य पूरा हो गया। हएसटीपी में हर रोज 10 एमएलडी पानी पांच बीओडी तक साफ करेगा। मोटी पाइप के जरिए हर रोज इस पानी को झील तक पहुंचाया जाएगा।
नई तकनीक पर आएगा 21 करोड़ का खर्च
इसके अलावा झील के घाटों को मरीना डेवलपमेंट (विकसित) योजना के तहत मुंबई के मरीन ड्राइव की तर्ज पर आधुनिक तकनीक के साथ रिटेनिंग बॉल के माध्यम से बनाया जाएगा। इस पर करीब 21 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसका काम जारी है।