फरीदाबाद में अगर कोई विषय वस्तु जो नगर निगम के अधीन आती है और वो खराब हो जाए तो उसके ठीक होने की उम्मीद करना व्यर्थ है। एक पल को निगम अधिकारियों की ओर से दावे वादे किए जाते हैं आश्वासन भी मिलते है पर शहरवासियों को इन्ही आश्वासनों में ही उलझा कर रख छोड़ दिया जाता है।
2018 में नगर निगम सभागार को कंडम घोषित किया
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण नगर निगम सभागार है, जिसे 2018 में कंडम घोषित कर दिया गया था और उसके बाद से यहां सांस्कृतिक, सामाजिक आयोजन होने बंद हो गए थे, पर इसका जीर्णोद्धार करने या नए सिरे से बनवाने की दिशा में कोई ठोस कदम न तो नगर निगम ने उठाए और न ही जनप्रतिनिधियों ने कोई खबर ली।
सीएम से दिखी उम्मीद की आशा
अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में विकास कार्य कराने की दिशा में रुचि दिखाने के उद्देश्य से नियमित रूप से आ रहे हैं तो एनआइटी के लोगों को भी उम्मीद की एक किरण दिखाई दे रही है। इसीलिए शहरवासी सीएम से मांग कर रहे हैं कि निगम सभागार पर भी कृपा ध्यान डाले, ताकि सुधार हो।
नगर निगम में फाइलों की भीड़ बढ़ा रहे अधिकारी
अब डंपिंग ग्राउंड सभागार प्रांगण में परिवर्तित होने लगा है। यहां नगर निगम के कंडम वाहन भी खड़े हैं, लकड़ियों के ढेर भी पड़े हैं। डंपर भी खड़े होते हैं और सभागार के प्रवेश द्वार वाले हिस्से में एक रैक में फाइलें भी पड़ी नजर आई और कुर्सी मेज फाइल बिखरे नजर आ रहे है। इस रवैए से नगर निगम का खुद का हाल कबाड़ से कम नहीं है इसलिए वो भी कबाड़ उठाने में आना कानी करते है।