क्या आप जानते हैं भारत में 2013 से पहले रेपिस्ट के सजा केवल 7 साल हुआ करती थी। लेकिन निर्भया कांड के बाद इस कानून में संशोधन कर के अब रेपिस्ट की सजा उम्रकैद या फांसी कर दी गई है। लेकिन शायद अब समाज में ऐसी कानून की जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ समाज के न्यायधीश खुद ही रेपिस्ट को सजा सुना रहे है। एक दयनीय घटना सामने आ रही है बिहार के नवादा जिले से जहां एक रेपिस्ट को ऐसी सजा सुनाई गई है जिसे जानकर आप चोक जायेंगे।
6 साल की मासूम के साथ किया दुष्कर्म
गांव वगैरह में पंचायत गांव के मसलों को सुलझाती है और न्याय करती है। ऐसा ही हुआ बिहार के नवादा जिला में जहां पंचायत ने एक रेपिस्ट को ऐसी सज्जा सुनाई की हर कोई दंग है। 21 नवंबर को अरुण पंडित नाम के एक आदमी ने एक 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया जिस पर पंचायत ने ऐसा फैसला सुनाया की पूरी जनता क्रोध में है।
लालच देकर किया दुष्कर्म
पहले इस आदमी ने 6 साल की बच्ची को चॉकलेट का लालच दे कर अपने साथ मुर्गी फार्म में ले गया और बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद बच्ची को छोड़ दिया। बच्ची ने इस वारदात की सूचना अपने घरवालों को दी बच्ची के पिता घर पर नहीं थे इसलिए उसके चाचा ने पुलिस कंप्लेंट करने की बात कही।
आरोपी की सजा 5 उठक बैठक
आरोपी को जिसे ही इसकी भनक लगी उसने अपने रिश्तेदार मुखिया को सूचना दी और ये मामला पुलिस के पास जाने की ब्याज पंचायत में चला गया। पंचायत ने आरोपी और बच्ची के परिवारजनों को बुलाया और आरोपी को 5 बार उठक बैठक की सजा सुनाकर बारी कर दिया।
क्या इसे न्याय बोलते है?
आरोपी ने पंचायत में ही 5 उठक बैठक कर रेप के आरोप से छूट गया। अब इस घटना से लोगो में आक्रोश है। लोग ऐसी पितृसत्ता को थू थू कर रहे है। उठक बैठक करते हुए आदमी का वीडियो वायरल होने पर इस मामले में एक्शन लिया जाएगा। इस घटिया अपराध की सजा उठक बैठक नही है पोस्को कानून है।