इस बार सूरजकुंड मेले में नही दिखेगा “हरियाणा का अपना घर”, लेकिन नए में देखने को मिलेगा “हरियाणा पवेलियन”

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 इस बार सूरजकुंड मेले में नही दिखेगा “हरियाणा का अपना घर”, लेकिन नए में देखने को मिलेगा “हरियाणा पवेलियन”

अगले साल 3 से 19 फरवरी तक होने वाले 36वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले की तैयारी काफी जोरो शोरो से चल रही है। हरियाणा पर्यटन निगम इसको लेकर काफी सक्रिय नजर आ रही है और तैयारियां अभी से शुरू हो गई है। बताया जा रहा है इस बार के मेले में बहुत कुछ अलग खास और नया देखने को मिलेगा लेकिन क्या आप जानते है नया तो देखने को मिलेगा लेकिन पुराना देखने को नही मिलेगा। जी हां इस बार ‘हरियाणा के अपना घर को हटा दिया गया है।’

मेले में नही दिखेगा “अपना घर”

इस बार सूरजकुंड मेले में नही दिखेगा “हरियाणा का अपना घर”, लेकिन नए में देखने को मिलेगा “हरियाणा पवेलियन”

सूरजकुंड इंटरनैशनल क्राफ्ट मेले में हरियाणा की शान व संस्कृति “हरियाणा के अपना घर” को हटा दिया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि कलाकारों के चेंजिंग रूम के पास अपना घर बना हुआ था जोकि काफी छोटा था और कलाकारों को चेजिंग करने में दिक्कतें होती थी। इसलिए उनकी मांग पर वहां चेंजिंग रूम बनाया जायेगा इसी कारण ‘अपना घर’ को तोड़ दिया गया।


तो क्या लगता है आपको क्या इस बार हरियाणा की संस्कृति का दीदार नहीं हो पाएगा? जी नही ऐसा नहीं है मेले में अपना घर होगा। आपको बता दे हरियाणा टूरिज्म के एमडी नीरज कुमार का कहना है कि अपना घर को छोटी चौपाल की तरफ बने जोन में तैयार किया जाएगा। इसका मतलब अपना घर केवल अपना स्थान बदल कर छोटे चौपाल में शिफ्ट हो रहा है।


नए “हरियाणा मंडप” का होगा निर्माण

इस बार सूरजकुंड मेले में नही दिखेगा “हरियाणा का अपना घर”, लेकिन नए में देखने को मिलेगा “हरियाणा पवेलियन”

एक नई जानकारी ये है कि मेले में हरियाणा पवेलियन भी बनाया जाएगा। आपको बता दे यहां प्रदेश के 30 से अधिक हस्तशिल्पियों को हट्स दी जाएंगी। हरियाणा पर्यटन निगम की ओर से पहली बार ऐसी तैयारी की जा रही है। सार्क देशों के जोन के साथ ही हरियाणा के अपने घर के सामने एक अलग हरियाणा मंडप स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

इससे देश-विदेश के पर्यटक हेरिटेज हरियाणा हैंडीक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का भ्रमण कर प्रदेश के कार्य व संस्कृति को देख सकेंगे। हस्तशिल्प को भी बाजार मिलेगा। पिछले सालों में भी अपना घर के माध्यम से प्रदेश की कला संस्कृति को बढ़ावा दिया गया है। अब इस बार हरियाणा मंडप के निर्माण से हस्तशिल्प और सांस्कृतिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।



मेले की अन्य जानकारी

इस बार सूरजकुंड मेले में नही दिखेगा “हरियाणा का अपना घर”, लेकिन नए में देखने को मिलेगा “हरियाणा पवेलियन”

इस बार सूरजकुंड इंटरनेशनल क्राफ्ट मेले में हरियाणा टूरिज्म ने स्टेट थीम फाइनल कर भारत की उत्तर पूर्व के आठ राज्य असम, अरुणाचल, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड व सिक्किम को सहभागी बनाया है वही इस बार मेले में पहली बार शंघाई कॉर्पोरेशन आर्गेनाइजेशन से जुड़े कई देशों को नेशनल पार्टनर के रूप में फाइनल किया गया है। पर्यटन विभाग के अनुसार इनमें चीन, कजाकिस्तान, क्रिगिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान, रशिया, तजाकिस्तान व उज्बेकिस्तान शामिल है।

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