शहर के बीचो-बीच से गुजरने वाले सबसे बड़े बरसाती नाले के दूषित होने से यमुना लगातार गंदी होती जा रही है। बुढ़िया नाला के नाम से मशहूर बरसाती नाला के दोनों ओर के पानी से जुड़ी अवैध फैक्ट्रियों का गंदा पानी सीधे नाले में बहाया जा रहा है। इस केमिकल वाले पानी को ट्रीट भी नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा नाले के दोनों तरफ करीब दो किलोमीटर तक 500 से अधिक अवैध फैक्ट्रियों का कब्जा है।
अवैध फैक्ट्रियों की खोज जारी
डीसी विक्रम सिंह ने हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को इस पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दावा है कि डीसी के आदेश पर उन्होंने अवैध फैक्ट्रियों की पहचान शुरू कर दी है।
रोजाना 10 एमएलडी प्रदूषित पानी पंप किया जा रहा है
शहर के पश्चिमी हिस्से में अरावली के एक छोर से शुरू होकर यानी अरावली के एक छोर से शुरू होकर यमुना के पूर्वी हिस्से तक पुराने नाले की हालत इस समय बेहद गंभीर हो गई है। दरअसल, इस नाले का इस्तेमाल बारिश के पानी की निकासी के लिए किया जाता है। शहर के कई छोटे नाले पुराने नाले से जुड़ते हैं।
यमुना हो रही दूषित
शहर के अंदर का पानी छोटे नालों के बीच से पुराने नाले में बहता है, वहां से नाले का सारा पानी यमुना में गिरता है, लेकिन वर्तमान में इसकी स्थिति इतनी खराब है कि यमुना लगातार प्रदूषित हो रही है। एनजीटी द्वारा यह भी निर्देश दिया गया है कि कोई भी प्रदूषित पानी यमुना में नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
10 एमएलडी गंदा पानी नाले में
इसको लेकर डीसी ने पूर्व में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर कार्रवाई के आदेश दिए थे। क्योंकि पुराने नाले के किनारे सीवेज यूनिट लगे हुए हैं, जो अपना गंदा पानी सीधे नाले में गिरा देते हैं। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन करीब 10 एमएलडी गंदा पानी नाले में बहाया जा रहा है।