हम अपना संपत्ति कर जमा करना चाहते हैं, लेकिन कम से कम कोई तो रिकॉर्ड ठीक कर दे। कई दिन से चक्कर लगा रहे हैं, कोई सुनने वाला नहीं है। रिकॉर्ड नहीं होने से नए साल में नहीं मिल पाएगा ब्याज माफी योजना का लाभ नगर निगम संपत्ति कर शाखा कार्यालयमें आए लोगों की समस्याएं भी कुछ ऐसी ही थी, जो वे निगम कर्मचारियों से मुलाकात कर बता रहे थे। कुछ के पास पुरानी पर्चियां थीं, लेकिन उन्हें ऑनलाइन रिकॉर्ड की जानकारी नहीं थी। कर्मचारी साथ नहीं दे रहे थे, इसलिए इधर से उधर भटकते नजर आए।
जनता की परेशानियां
एनआईटी मकान चाचा चौक के संजय एन्क्लेव नंबर 3306 निवासी देवेंद्र शर्मा ने 31 मार्च 2017 को संपत्ति कर जमा कराया था। अब जब वह नगर निगम में बकाया टैक्स जमा कराने आया तो उसे यह बताने वाला कोई नहीं था कि कितना संपत्ति कर है, उसे जमा करना था। देवेंद्र शर्मा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 31 दिसंबर तक संपत्ति कर जमा नहीं कराने पर उन्हें ब्याज माफी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
डबुआ कॉलोनी ई ब्लॉक निवासी विपिन कुमार सिंह की परेशानी
डबुआ कॉलोनी ई ब्लॉक निवासी विपिन कुमार सिंह संपत्ति हासिल करने के लिए कई दिनों से नगर निगम के चक्कर लगा रहा है। मकान उनकी पत्नी विंध्य देवी के नाम पर है। नगर निगम के कर्मचारी ने उससे कहा कि उसे नया संपत्ति पहचान पत्र लाना होगा, तभी वह संपत्ति कर जमा कर पाएगा, उसके पास पुरानी पर्ची है, उन्होंने मांग की कि ब्याज माफी योजना की तिथि बढ़ाई जाए।
सेक्टर-23ए अशोक कुमार की परेशानी
अशोक कुमार का सेक्टर-23ए में दो मंजिला मकान है। संपत्ति कर अभिलेखों में इसे पांच मंजिला दिखाया गया है। अशोक कुमार के बेटे आकाश कई दिनों से अपना रिकॉर्ड ठीक कराने के लिए नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
अतिरिक्त निगमायुक्त अभिषेक मीणा ने कहा,
“अगर किसी का रिकार्ड ठीक नहीं है, तो उसे ठीक करवा लें। अगर किसी बकायेदार की राशि अधिक जमा हो जाती है, तो अगले वर्ष में उस राशि को समायोजित किया जा सकता है।”
राजस्व का नुकसान, निगम को रहवासियों से 200 करोड़ लेने पड़ रहे हैं
1) वर्ष 2010-11 से 21-22 तक संपत्ति कर बकाया पर ब्याज माफी योजना की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।
2) नगर निगम को शहरवासियों से संपत्ति कर के रूप में करीब 200 करोड़ रुपये वसूलने हैं।
3) गलत रिकार्ड के कारण कई लोग संपत्ति कर जमा नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में निगम को तत्काल राजस्व की हानि हो रही है।