डिस्पेंसरी जैसी सुविधा को लात मार विरोध रहे आईपी कॉलोनी के निवासी

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 डिस्पेंसरी जैसी सुविधा को लात मार विरोध रहे आईपी कॉलोनी के निवासी

रिहायशी इलाके में डिस्पेंसरी खोलने के फैसले का आईपी कॉलोनी के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। लोगों ने इलाके में और अपने घरों के बाहर बैनर लगा दिए हैं। इनमें लिखा है कि वह यहां डिस्पेंसरी नहीं खुलने देना चाहते। लोगों ने सीएम विंडो और स्वास्थ्य विभाग से शिकायत की। शिकायत के बाद विभाग की ओर से डिस्पेंसरी को कॉलोनी में ही कहीं और शिफ्ट करने का आश्वासन दिया गया है।


किन कारणों से नही खुलवाना डिस्पेंसरी?

लोगों का कहना है कि डिस्पेंसरी बनने से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की आशंका है, जबकि बंद गली में डिस्पेंसरी बनने से पार्किंग की समस्या होगी। छोटे बच्चे घर के बाहर खेलते हैं। ऐसे में दिनभर वाहनों की आवाजाही से दुर्घटना का खतरा बना रहेगा।

डिस्पेंसरी जैसी सुविधा को लात मार विरोध रहे आईपी कॉलोनी के निवासी

शहर की पॉश कॉलोनियों में से एक आईपी कॉलोनी है। यह कॉलोनी बाइपास रोड से सटी हुई है। एत्मादपुर, हरकेश नगर और अन्य क्षेत्रों में डिस्पेंसरी की सुविधा है। लोग इलाज के लिए सेक्टर-31 डिस्पेंसरी, निजी अस्पताल और बीके अस्पताल जाते हैं।

कॉलोनी निवासी की मांग हुई पूरी

विभाग ने लोगों की सुविधा के लिए डिस्पेंसरी शुरू करने का प्रयास किया, लेकिन कॉलोनी के लोगों ने पोस्टर व बैनर लगाकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया। लोगों ने अपने कारण बताए। विभाग ने डिस्पेंसरी को कहीं और शिफ्ट करने का आश्वासन दिया। लोक विभाग को सलाह दी गई है कि गेट नंबर एक और दो के बीच खुले स्थान में डिस्पेंसरी शुरू की जाए।


डिस्पेंसरी बनवाने के पक्ष में भी है लोग

डिस्पेंसरी जैसी सुविधा को लात मार विरोध रहे आईपी कॉलोनी के निवासी

कॉलोनी के कुछ लोग डिस्पेंसरी बनाने का विरोध कर रहे हैं तो कुछ लोग इसे जनहित में बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि नियमानुसार कॉलोनी में डिस्पेंसरी होनी चाहिए, लेकिन यहां न तो सामुदायिक केंद्र है और न ही डिस्पेंसरी। अगर कोरोना की लहर आती भी है तो यहां इलाज की सुविधा से लोगों को फायदा होगा।



स्थानीय निवासी विवेक ने बताया कि लोग अपने घर के नजदीक मिल रही सरकारी सुविधाओं के लिए आपत्ति दर्ज कर रहे है। डिस्पेंसरी के शुरू होने से 500 से 700 लोगों को फायदा होगा, लेकिन कुछ लोगों की आपत्ति के चलते दूसरे लोग इस सुविधा से वंचित रह गए है।

कुछ अन्य लोगों का कहना है कि सरकार यहां डिस्पेंसरी बना रही थी, कोविड केयर सेंटर नहीं। डिस्पेंसरी में मरीजों के आने से कोरोना के मामलों में कैसे बढ़ोतरी होगी, यह सोचने का विषय है।

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