हरियाणा पुलिस की 7000 महिला व पुरुष कॉन्स्टेबल को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगाई गई, कोर्ट ने एक बार फिर तारीख बढ़ाई

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 हरियाणा पुलिस की 7000 महिला व पुरुष कॉन्स्टेबल को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगाई गई, कोर्ट ने एक बार फिर तारीख बढ़ाई

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा महिला और पुरुष कांस्टेबल के पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया था। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस विज्ञापन के तहत आयोजित परीक्षा में पास हुई करीब 7000 महिला और पुलिस कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र देने पर लगी रोक को हटाने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया है। नए चयनित महिला व पुरुष सिपाही जल्द सुनवाई की उम्मीद में बैठे थे, लेकिन कोर्ट द्वारा बार-बार सुनवाई की तिथि बढ़ाई जा रही है।

 

कोर्ट ने एक बार फिर मामले की सुनवाई बढ़ाई

हरियाणा पुलिस की 7000 महिला व पुरुष कॉन्स्टेबल को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगाई गई, कोर्ट ने एक बार फिर तारीख बढ़ाई

प्राप्त जानकारियों के मुताबिक हर बार की तरह इस बार फिर से पंजाब एंड हरियाणा कोर्ट ने सुनवाई की तारीख बढ़ाते हुए 6 फरवरी 2023 को सुनवाई की नई तारीख का ऐलान किया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा इस मामले में उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कोर्ट ने कहा कि कोर्ट पहले यह देखेगा कि भर्ती के दौरान अपनाए गए नॉर्मलाइजेशन पर्सेंटाइल जैसे फॉर्मूले को अपनाना उचित है या नहीं और छात्रों को पहले से कितनी जानकारी दी गई। कि परीक्षा परिणाम तैयार करने में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला अपनाया जाएगा।

 

जल्द सुनवाई की अर्जी कोर्ट में खारिज

हरियाणा पुलिस की 7000 महिला व पुरुष कॉन्स्टेबल को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगाई गई, कोर्ट ने एक बार फिर तारीख बढ़ाई

आपको बताते चले कि अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद एक बार फिर मामले की सुनवाई आगे बढ़ाने का फैसला किया है। मामले की अब दोबारा सुनवाई छह फरवरी 2023 को होगी। नए चयनित महिला व पुलिस आरक्षकों के नियुक्ति पत्र से जुड़ा मामला एक बार फिर लंबित रहा। सुनवाई की तारीख बार-बार बढ़ाए जाने से अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट गया है, जिसके चलते उन्होंने जल्द सुनवाई के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

 

गलत सामान्यीकरण विधि

हरियाणा पुलिस की 7000 महिला व पुरुष कॉन्स्टेबल को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगाई गई, कोर्ट ने एक बार फिर तारीख बढ़ाई

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता के वकील जसबीर मोर ने कहा,

“भर्ती प्रक्रिया में अपनाए गए नॉर्मलाइजेशन पर्सेंटाइल मेथड को चुनौती दी गई थी। इस पर एचएसएससी ने कहा कि यह फॉर्मूला भारतीय सांख्यिकी संस्थान, दिल्ली की सलाह पर अपनाया गया है। वहीं, भारतीय सांख्यिकी संस्थान ने कहा कि यह फॉर्मूला तभी अपनाया जाता है, जब परीक्षा की फाइनल मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है, लेकिन इस भर्ती में लिखित परीक्षा के बाद सामाजिक-आर्थिक और शारीरिक परीक्षा के अंक भी जुड़ने बाकी हैं। सामान्यीकरण के कारण अच्छे अंक वाले अभ्यर्थी मेरिट सूची में जगह नहीं बना सके।”

 

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