कॉरपोरेट टैक्सेशन में रोजाना 12 घंटे काम करने के बावजूद पुरानी और नई आईडी को मर्ज करना एक मुश्किल काम हो गया है। शहरी स्थानीय निकाय ने दोनों आईडी को लिंक करने के लिए 15 दिन का समय दिया है, लेकिन अलग-अलग जोन के जोनल टैक्सेशन ऑफिसर (ZTO) का कहना है कि शाम 5 बजे काम खत्म होने के बाद सर्वर थोड़ा बेहतर चलता है। अब वह रात 8 बजे तक बैठकर काम कर रहे हैं, फिर भी 15 दिन में पांच लाख की संपत्ति की आईडी लिंक कराना मुश्किल हो गया है।
नई आईडी के लिए यशी कंपनी ने किया था सर्वे
संपत्ति कर सर्वे का ठेका राज्य सरकार ने यशी कंपनी को दिया था। यशी कंपनी ने पूरे शहर में सर्वे कराकर पांच लाख आईडी तैयार की थी। इस दौरान कंपनी के कर्मचारियों ने कई गलतियां की, जिसका खामियाजा नगर निगम को भुगतना पड़ रहा है।
अब निगम द्वारा फिर से सर्वे कराया जा रहा है। ताकि गलतियों को सुधार कर नई आईडी तैयार की जा सके। फिर इन नई आईडी को पुरानी आईडी से जोड़ा जाए। ताकि निगम संपत्ति मालिक से पुराना टैक्स भी वसूल सके। इससे निगम का राजस्व बढ़ेगा।
ब्लॉक स्तर पर होगा वेरिफिकेशन का काम
अब प्रखंड के लोगों को पारिवारिक पहचान पत्र जैसे आय सत्यापन, जाति सत्यापन, वैवाहिक स्थिति, मृत एवं जीवित, जन्म तिथि, विकलांगता आदि में सुधार के लिए जिला स्तर पर आने की आवश्यकता नहीं है, उनका काम केवल क्रिड खंड स्तर पर कार्यालयों की स्थापना में किया जायेगा।
अपर उपायुक्त हितेश कुमार मीणा ने जिले के लोगों से आह्वान किया है कि वे अपने-अपने प्रखंड स्थित सीआरआईडी कार्यालय में जाकर अपने परिवार पहचान पत्र को ठीक करवा लें। इसके अलावा क्रीड द्वारा स्थापित कार्यालयों में आयुष्मान और बीपीएल कार्ड का कार्य भी ब्लॉक स्तर पर किया जाएगा।
लघु सचिवालय में भी हेल्प डेस्क विंडो शुरू, परिवार पहचान पत्र की त्रुटियों को कराएं सुधार
परिवार पहचान पत्र में त्रुटियों को दूर करने के लिए जिला स्तर पर हेल्प डेस्क और ब्लॉक स्तर पर कार्यालय खोले गए हैं। इन कार्यालयों में बीपीएल व आयुष्मान कार्ड भी बनेंगे।
एडीसी हितेश कुमार ने बताया कि अब जिले के किसी भी व्यक्ति को चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रखंड स्तर पर कार्यालय खोलकर काम शुरू कर दिया गया है। मिनी सचिवालय में हेल्प डेस्क विंडो भी शुरू की गई है। परिजन नगर परिषद में पहचान पत्र में सुधार भी करवा सकते हैं।
अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया था
कराधान शाखा के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को नए व पुराने संपत्ति पहचान पत्रों को जोड़ने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया। इसके बावजूद कई जगहों पर भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
सर्वर की सुस्ती के कारण एक लाख संपत्ति की आईडी भी पूरी तरह से लिंक नहीं हो सकी। ZTO का कहना है कि सभी प्रॉपर्टी आईडी लिंक करने में समय लगेगा।