फरीदाबाद के बुढ़िया नाले में बहुत रोजगार है। और हो भी ना कैसे बुढ़िया नाले के किनारे करीब 500 फैक्ट्रियां संचालित है लेकिन क्या आप जानते है ये फैक्ट्रियां अवैध है। इन फैक्ट्रियों का अवैध होकर इतने सालो से चलना ही केवल मसला नहीं है दरअसल इन फैक्ट्रियों से गंदा व जहरीला पानी बुढ़िया नाले में छोड़ा जाता है जोकि आगरा कैनाल नहर और यमुना नदी में जा रहा है।
केमिकल छोड़ने वाली कंपनी पर होगी कार्यवाई
जिसपर डीसी विक्रम सिंह ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व संबंधित विभाग को भी आदेश दिया है कि जो भी फैक्ट्री अवैध चलाई जा रही है। इस पर क्रिया करो। इसके अलावा जो फैक्ट्रियां गंदा पानी व केमिकल बुढ़िया नाले में छोड़ रही है, ऐसी कंपनियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करें।
अरावली के एक छोर से शुरू होकर यमुना के पूर्वी भाग तक जाने वाले पुराने नाले की स्थिति वर्तमान में बहुत गंभीर हो गई है। इस नाले का उपयोग बारिश के पानी की निकासी के लिए किया जाता है। शहर में कई छोटे-छोटे नाले हैं जो बुधिया नाला से जुड़ते हैं।
रोजाना 10 एमएलडी गंदा पानी बहाया जाता है
वही छोटे छोटे नाले शहर के पानी को बुढ़िया नाले में मिला देते है। एक अनुमान के अनुसार ये बताया जा रहा है कि इस बुढ़िया नाले में रोजाना करीब 10 एमएलडी पानी बहाया जाता है। आपको बता दे कि फैक्ट्रियां ना केवल गंदा पानी बुढ़िया नाले में छोड़ती है बल्कि गंदा केमिकल भी नाले में बहा देती है। और ये सब कुछ प्रशासन के नाक के नीचे काफी समय से चलता आ रहा है।
इसके अधीन एनजीटी की तरफ से सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी तरह का प्रदूषित पानी यमुना में नहीं छोड़ा जाएग। और यही वजह है कि डीसी ने सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर कार्रवाई के लिए आदेश भी दिए है। इन्ही सारी लापरवाही के कारण यमुना बेहद ही दूषित होता जा रहा है। अब सबको इंतजार इंसाफ का है, देखना दिलचस्प होगा की प्रशासन क्या ठोस कदम उठाने वाली है।