फरीदाबाद शहर में सुनियोजित तरीके से सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है और जमीन के मालिक विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं है। अधिकारियों को यह भी नहीं पता कि उनका विभाग कहां है। ऐसा ही कुछ हुआ राजा नाहर सिंह फुटबॉल स्टेडियम और एनआईटी बस स्टैंड से सटी जमीन पर, जहां कार का डेंट-पेंट करने वालो ने कब्जा जमा लिया है।
डेंटर-पेंटरों ने इस जमीन पर अपना ठिकाना बना लिया है और रोज यहां पर पुरानी कारों की चारो तरफ बारात देखने को मिलती है जिसकी मरम्मत हो रही होती है।
क्रिकेट स्टेडियम में कैसे हुआ अतिक्रमण?
चलिए आपकोयह भी बताते है कि कैसे अतिक्रमणकारियों ने जमीन पर कब्जा कर लिया। 1981 में जब यहां क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना हुई, जिसे मयूर स्टेडियम कहा गया और अब इसका नाम राजा नाहर सिंह क्रिकेट स्टेडियम हो गया। फिर आसपास के क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के लिए तत्कालीन उपायुक्त व जिला क्रिकेट एसो. के प्रधान रामनिवास के नेतृत्व में पौधारोपण अभियान चलाया गया।
अभियान में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव और हरियाणा रणजी टीम के मुख्य कोच सरकार तलवाड़, अजय जडेजा सहित क्रिकेट खिलाड़ियों ने पौधे लगाए थे। ये पौधे बाद में पेड़ बन गए और इसके चारों ओर घने वन क्षेत्र विकसित हो गए।
तेजाब के प्रयोग से किया हरियाली को नष्ट
अतिक्रमणकारियों ने स्टेडियम से सटी जमीन पर खड़े हरे-भरे पेड़ों को व्यवस्थित ढंग से नष्ट करना शुरू कर दिया। अतिक्रमणकारियों द्वारा काम इतनी चालाकी से किया गया कि किसी को तुरंत पता ही नहीं चला और काम भी हो गया।
इसके लिए अतिक्रमणकारियों ने हमारे पर्यावरण की शान, पेड़ों की जड़ों पर तेजाब डालना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे पेड़ सूखने लगे।
सूखे पेड़ गिरते रहे और इसके बाद समतल जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा करना शुरू कर दिया। इसी प्रकार आज तक कब्जा कर के अतिक्रमणकारियों का धंधा चल रहा है और प्रशासन बेसुध बैठी है।