प्यार की ताक़त : पत्नी की मौत के बाद पति ने बनवाई अपने प्यार की मूर्ति, ख़बर सुनकर आ जायेंगे आसूं

0
579
 प्यार की ताक़त : पत्नी की मौत के बाद पति ने बनवाई अपने प्यार की मूर्ति, ख़बर सुनकर आ जायेंगे आसूं

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इस दुनिया में हर कोई सोचता है कि जिससे वह प्यार करता है वह हमेशा उसके साथ रहे, लेकिन जीवन में कब क्या हो जाए यह बता पाना बहुत मुश्किल है। जीवन का चक्र अंतहीन चलता रहता है। जो इस दुनिया में आता है वो एक न एक दिन इस दुनिया को छोड़ कर जरूर जाता है। आज हम आपको मध्य प्रदेश से सामने आए एक हैरान कर देने वाली ख़बर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक शख्स अपनी पत्नी से इतना प्यार करता था कि उसकी मौत के बाद उसने उसका मंदिर बनवा दिया।

 

पत्नी की याद में बना मंदिर

प्यार की ताक़त : पत्नी की मौत के बाद पति ने बनवाई अपने प्यार की मूर्ति, ख़बर सुनकर आ जायेंगे आसूं

प्राप्त जानकारियों के मुताबिक शाजापुर जिले में जब एक परिवार की महिला की मौत हुई तो पूरा परिवार गम में डूब गया। पत्नी की मृत्यु के बाद पति ने उसकी याद में एक मंदिर बनवाया। जी हां, अपनी पत्नी की मौत के बाद उस शख्स ने उसे हमेशा अपने साथ रखने के लिए अपना मंदिर बनवाया था ताकि उसकी मौत के बाद भी वह उसके साथ रहे। पति ने पत्नी की 3 फीट की यह प्रतिमा बनवाई। अब इस मंदिर की चर्चा पूरे इलाके में है। यह मंदिर अपने आप में खास है क्योंकि इस क्षेत्र के लोगों ने आज तक ऐसा मंदिर नहीं देखा और न ही सुना है।

 

भोग दिया जाता है और साड़ी बदली जाती है रोज

प्यार की ताक़त : पत्नी की मौत के बाद पति ने बनवाई अपने प्यार की मूर्ति, ख़बर सुनकर आ जायेंगे आसूं

आपको बताते चले कि पत्नी के नाम पर बना यह अनोखा मंदिर शाजापुर जिला मुख्यालय से करीब 3 किमी दूर सांपखेड़ा गांव में स्थित है। मंदिर में स्वर्गीय गीताबाई राठौड़ की मूर्ति है, जो बंजारा समुदाय से संबंधित थीं। गीताबाई के पति नारायण सिंह राठौर और उनके परिवार के सदस्य प्रतिदिन इस मूर्ति की पूजा करते हैं। घर के सभी शुभ कार्यों से पहले गीताबाई का आशीर्वाद लिया जाता है। घर का बना खाना सबसे पहले गीताबाई को भोग लगाया जाता है। यहां तक ​​कि उनकी प्रतिमा की साड़ी भी रोज बदली जाती है।

 

बेटों ने दिया था मंदिर बनवाने का आइडिया

प्यार की ताक़त : पत्नी की मौत के बाद पति ने बनवाई अपने प्यार की मूर्ति, ख़बर सुनकर आ जायेंगे आसूं

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि गीताबाई का निधन 27 अप्रैल 2021 को कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुआ था। परिजनों ने उन्हें बचाने का हर संभव प्रयास किया, लेकिन बचा नहीं सके। गीताबाई के दुनिया से चले जाने के बाद उनके बेटों के चेहरे उदास पड़ गए। वह अपनी मां से बहुत प्यार करता था। मां से अलग होने के बाद उनका जीवन नीरस हो गया था, उन्होंने पिता से मां की याद में एक मंदिर बनवाने को कहा। पिता नारायण सिंह को यह विचार पसंद आया और वे मंदिर बनाने के लिए तैयार हो गए।

 

अलवर कलाकारों ने बनाई मूर्ति

प्यार की ताक़त : पत्नी की मौत के बाद पति ने बनवाई अपने प्यार की मूर्ति, ख़बर सुनकर आ जायेंगे आसूं

उल्लेखनीय है कि 29 अप्रैल को परिजनों ने अलवर के कलाकारों को गीताबाई की प्रतिमा बनाने का आदेश दिया। डेढ़ माह बाद गीताबाई की प्रतिमा भी आ गई। उसे देखकर पूरा परिवार खुश हो गया। सभी को ऐसा लगा जैसे गीताबाई लौट आई हों। मूर्ति स्थापना के लिए पंडितों को बुलाया गया और मूर्ति की विधिवत स्थापना की गई।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here